अफ्रीका में तेज हुआ कोरोना वायरस का प्रसार, रोगियों की तादाद 10 लाख के पार
स्वास्थ्य संसाधनों पर चिंता व्यक्त करते हुए संगठन ने कहा कि इसके चलते कोरोना प्रसार के नियंत्रण में कई दिन लग सकते हैं।
जोहांसबर्ग, एजेंसी। अफ्रीका में कोरोना वायरस का प्रसार तेजी से हो रहा है। यहां कोरोना मरीजों का आंकड़ा 10 लाख के पार जा चुका है। वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कोरोना परीक्षण के साथ मरीजों की संख्या अभी कई गुना बढ़ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है अफ्रीका में दुनिया के सबसे कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ कोरोना प्रसार का खतरा सर्वाधिक है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि अफ्रीका समेत कई देशों में सक्रंमण का खतरा बढ़ रहा है। यहां के स्वास्थ्य संसाधनों पर चिंता व्यक्त करते हुए संगठन ने कहा कि इसके चलते कोरोना प्रसार के नियंत्रण में कई दिन लग सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका में अस्पतालों पर भारी दबाव
अफ्रीका द्वीप का सबसे विकसित मुल्क दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस का प्रसार तेजी से हुआ है। कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए यहां के अस्पतालों में भारी दबाव है। कोरोना वायरस की संख्या के मामले में दक्षिण अफ्रीका दुनिया के पांचवें स्थान पर है। दक्षिण अफ्रीका में मरीजों की संख्या पांच लाख के पार जा चुकी है। कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा 9,604 के पार जा चुका है। देश में कुल 387,316 मरीज ठीक हो चुके हैं।
परीक्षण मशीनों को बड़ा अकाल
कोरोना परीक्षण की स्थिति को लेकर भी चिंता जाहिर की गई है। महामारी की शुरुआत में यह सुविधा केवल दो अफ्रीकी देशों में ही सुलभ थी। अभी तक कुछ देशों में ही यह परीक्षण मशीन है। नमूनों को प्रयोगशालाओं तक पहुंचने में कई दिन लगते हैं। यहां तक कि दक्षिण अफ्रीका में कई परीक्षण परिणामों के लिए एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक रहा है। हार्वर्ड में वैश्विक स्वास्थ्य की सहायक प्रोफेसर और सर्गो फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ देशों में एक ही परीक्षण मशीन है। यहां प्रति 10 लाख पर 500 से कम परीक्षण केंद्र है, जबकि विकसित मुल्कों में प्रशिक्षण सुविधा बेहतर है। विकसित मुल्कों में प्रति हजार पर यह सुविधा सुलभ है।
बिना परीक्षण के सटीक अनुमान लगा पाना मुश्किल
अफ्रीका सीडीसी के निदेशक जॉन नेकेंगसॉन्ग ने कहा कि महाद्वीप पर कोरोना मामलों की सही संख्या का अनुमान लगा पाना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि बिना बड़े पैमाने पर परीक्षण किए कोरोना रागियों की संख्या के मामले में भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। नेकेंगसॉन्ग ने कहा कि 70 फीसद संक्रमण स्पर्शोन्मुख हैं। अफ्रीका की युवा आबादी भी इसका एक बड़ा कारक हो सकती है। दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के एक वरिष्ठ शोधकर्ता रिधवान सुलेमान ने कहा कि अफ्रीका में कम से कम 50 लाख संक्रमित हैं। उनका मानना है कि अकेले दक्षिण अफ्रीका में सही संख्या कम से कम 30 लाख हैं।
संसाधानों को लेकर प्रगट की गई चिंता
पिछले सप्ताह दक्षिण अफ्रीकी मेडिकल रिसर्च काउंसिल की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोरोना महामारी बेशुमार मौतें हो रही है। इस रिपोर्ट में अफ्रीका के 53 देशों को चेतावनी जारी की गई है। हार्वर्ड में वैश्विक स्वास्थ्य की सहायक प्रोफेसर और सर्गो फाउंडेशन के निदेशक सेमा सगाइर का मानना है कि चिंता की बात यह है कि अफ्रीका में बड़ी तादाद में स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी संक्रमित हैं। यह संख्या लगभग 35,000 के पार हैं। इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है।