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कोरोना वायरस महामारी से मुकाबले में संसाधनों की कमी से जूझ रहा अफ्रीका

दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह अफ्रीका महाद्वीप में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन इस महाद्वीप के देशों के पास महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 24 Apr 2020 07:03 PM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2020 07:03 PM (IST)
कोरोना वायरस महामारी से मुकाबले में संसाधनों की कमी से जूझ रहा अफ्रीका
कोरोना वायरस महामारी से मुकाबले में संसाधनों की कमी से जूझ रहा अफ्रीका

जोहानिसबर्ग, एपी। दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह अफ्रीका महाद्वीप में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन इस महाद्वीप के देशों के पास महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति को इस एक उदाहरण से समझा जा सकता है कि महाद्वीप के दस देशों में एक भी वेंटीलेटर नहीं है। अमेरिका जैसे देशों से सहायता नहीं मिलने के कारण विभिन्न अफ्रीकी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को महामारी से निपटने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महाद्वीप में कोरोना संक्रमण के मामले 25 हजार से ज्यादा हो गए हैं।

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अफ्रीका के लिए 30 हजार वेंटीलेटर और 7.4 करोड़ किट की आवश्यकता

अफ्रीका सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक जॉन केसोंग ने कहा, संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अगर वायरस से निपटने के अच्छे प्रबंध किए जाएं तो महाद्वीप के 130 करोड़ लोगों के लिए 30 हजार वेंटीलेटर और 7.4 करोड़ किट की आवश्यकता होगी। लेकिन इसके सापेक्ष अफ्रीकी देशों के पास संसाधन बहुत कम हैं। हमारा भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि हम इस महामारी से कैसे निपटते हैं? 

अमेरिका जैसे देशों से सहायता नहीं मिलने से आ रही दिक्कतें

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेडक्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसायटीज के अफ्रीका निदेशक साइमन मिसिरी ने कहा, यह ठीक है कि सभी देशों के लिए अपने नागरिकों के हित सर्वोपरि हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में बड़े देशों को विकासशील देशों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। अफ्रीकी यूनियन के गठन के कुछ दिनों में जहां उसे जर्मनी से एक लाख टेस्ट किट मिलीं वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) मेडिकल आपूर्ति के लिए निर्माताओं से संपर्क में है।

इतनी ही मेडिकल आपूर्ति लेकर जैक मा फाउंडेशन का एक जहाज अफ्रीका पहुंच रहा है। हालांकि,अफ्रीका सिर्फ सहायता पर ही निर्भर नहीं बल्कि वह कई अन्य देशों से खरीद पर भी जोर दे रहा है, लेकिन 70 से अधिक देशों द्वारा चिकित्सकीय सामान के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने से उसकी स्थिति और खराब हो गई है। यात्रा प्रतिबंधों से भी आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।


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