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अफगानिस्तान में पोलियो अभियान की शुरुआत, 91 लाख बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य

अफगानिस्तान में पोलियो अभियान की शुरुआत हो गई है। इस दौरान पांच साल से कम उम्र के 91 लाख बच्चों के पोलियो टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 09:42 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 09:47 AM (IST)
अफगानिस्तान में पोलियो अभियान की शुरुआत, 91 लाख बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य
अफगानिस्तान में पोलियो अभियान की शुरुआत, 91 लाख बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य

काबुल, आइएएनएस। अफगानिस्तान में पोलियो अभियान की शुरुआत हो गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अफगान पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्री ने सोमवार को पांच साल से कम उम्र के 91 लाख बच्चों को लक्षित करते हुए एक राष्ट्रव्यापी पोलियो टीकाकरण अभियान शुरू किया। खराब मौसम के कारण, बामियान, दयाकुंडी, घोर और बादगी प्रांतों में पोलियो रोधी अभियान नहीं चलाया जाएगा।

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इस अभियान को पिछले साल अफगानिस्तान में पोलियो के 29 मामले सामने आने के बाद शुरू किया गया है। उग्रवाद और संघर्षों से पर्वतीय देश में संक्रामक बीमारी पर लगाम लगाने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न हो रही है। दुर्गम क्षेत्रों से 12 लाख बच्चों का टीकाकरण नहीं हो सकेगा।

तालिबान के डर से माता-पिता ने अपने बच्चों का टीकाकरण नहीं कराते

अफगानिस्तान में, अधिकारियों का कहना है कि तालिबान द्वारा लक्षित किए जाने के डर से माता-पिता ने अपने बच्चों का टीकाकरण करने से इन्कार कर देते हैं। तालिबान को डर है कि चिकित्सा टीमों को इस क्षेत्र में उसपर नियंत्रण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।  

नाइजीरिया को पोलियो मुक्त घोषित करने वाला है डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और नाइजीरिया दुनिया के मात्र ऐसे देश हैं जहां पोलियो खत्म नहीं हुआ है। जहां डब्ल्यूएचओ नाइजीरिया को पोलियो मुक्त घोषित करने वाला है, वहीं अफगानिस्तान और पाकिस्तान 2018 के बाद से नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान में पोलियो के मामले हर साल सामने आते हैं

एक बयान के अनुसार, अफगानिस्तान और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान दुनिया के केवल दो देश हैं जहां पोलियो के मामले हर साल सामने आते हैं। साल 2019 में, 117 पोलियो के मामले पाकिस्तान में और 26 मामले अफगानिस्तान में सामने आए।

टीकाकरण टीमों को निशाना बनाते हैं आतंकी

अफगान और पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट किए गए मामलों में से अधिकांश मुख्य रूप से जातीय पश्तून क्षेत्रों में दो देशों के बीच सीमा से आते हैं। वर्षों से क्षेत्र में मौजूद आतंकवादी अक्सर टीकाकरण टीमों को निशाना बनाते हैं। 


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