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अफगानिस्‍तान में गहरा रहा मानवीय संकट, बिछड़ों को फिर से मिलाने पर हो जोर- UNHCR

संयुक्‍त राष्‍ट्र। यूएन का कहना है कि आने वाले दिनों में अफगानिस्‍तान में सर्द मौसम शुरू हो जाएगा। इस दौरान वहां पर मानवीय संकट और भी गहरा सकता है। बीते कुछ माह में कई लोग अपने परिवार से बिछड़ गए हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 12:57 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 02:59 PM (IST)
अफगानिस्‍तान में गहरा रहा मानवीय संकट, बिछड़ों को फिर से मिलाने पर हो जोर- UNHCR
वर्तमान हालातों में अफगानिस्‍तान में अपनों से बिछड़े हजारों

न्‍यूयार्क (संयुक्‍त राष्‍ट्र)। यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने अफगानिस्‍तान में जारी मानवीय संकट पर चिंता जताई है। एजेंसी की तरफ कहा कि देश में मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है। ऐसे में उन लोगों के लिए अधिक तेजी से काम करने की जरूरत है जो अपनों से बिछड़ गए हैं। उन्‍हें फिर से अपने परिवारों से मिलाने के लिए तेजी से काम करना होगा। संगठन की तरफ से कहा गया है कि बीते कुछ माह में बड़ी संख्या में शरणार्थियों के परिजन कई वजह से अलग हो गए। इन कारणों में तालिबान की दहशत, अपनी और परिवार के जीवन की सुरक्षा का डर और दूसरे देशों में शरण लेना शामिल है।

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UNHCRकी प्रवक्ता शाबिया मंटू ने जिनेवा में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अपनों से बिछड़े हुए अफगानी लगातार संयुक्‍त राष्‍ट्र एजेंसियों में फोन कर जानकारी ले रहे हैं। उन्‍हें अपनों की चिंता सता रही है। उन्‍होंने ये भी माना है कि अफगानिस्‍तान में बदलते हालातों के बीच व्यापक स्तर पर सीमा-पार विस्थापन नहीं हुआ है, लेकिन लोगों की समस्‍या कम नहीं हुई हैं। ऐसे लोगों की गिनती काफी है जो अपनो से बिछड़ गए हैं। इनको दोबारा मिलाना सभी के लिए एक बड़ी चुनौती भी है और सामाजिक दायित्‍व भी है। आपको बता दें कि अफगानिस्‍तान में आने वाले कुछ दिनों में सर्द दिनों की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में मानवीय संकट के और बढ़ने की आशंका है।

गौरतलब है कि अफगानिस्‍तान के करीब दो करोड़ लोग मानवीय राहत पर निर्भर हैं। तालिबान के आने के बाद अफगानियों को विदेशों से मिलने वाली मदद भी लगातार नहीं मिल पा रही है। ऐसे में यूएन ने देश की बदहाल होती अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार के लिए अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से समर्थन का आहवान किया है। यूएन ने अफगानिस्‍तान के लिए 60 करोड़ डालर की सहायता धनराशि जुटाने का आह्वान किया है, लेकिन अब तक केवल 38 फीसद राशि को ही जुटाया जा सका है। अफगानिस्‍तान में काम कर रहे राहत केंद्रों पर लगातार बड़ी संख्‍या में लोग आ रहे हैं। मंटू के मुताबिक यहां की तस्‍वीर काफी परेशान करने वाली है।

मंटू ने इस दौरान ये भी कहा कि बिछड़े हुए लोगों को अपनों से मिलाने की प्रक्रिया को भी आसान करने की सख्‍त जरूरत है। इससे शरणार्थियों के जीवन को भी जोखिम कम हो सकता है। उन्‍होंने इस बात पर राहत जताई कि कुछ देशों ने अफगा‍न शरणार्थियों के लिए मानवीय आधार पर जारी वीजा जारी रखने का एलान किया है। इससे इस काम में तेजी लाई जा सकती है।


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