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आइएसआइ ने तालिबान को नहीं बनाने दी समावेशी सरकार, एक आडियो में हुआ सनसनीखेज पर्दाफाश

राहा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आडियो में मुल्ला फजल को देश के पाकिस्तानी अतिथि (फैज हमीद) की आलोचना करते सुना जा सकता है। फजल ने तालिबानी कमांडरों से कहा कि पाकिस्तान ने संगठन के नाम को वैश्विक रूप तौर पर कलंकित कर दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 10:24 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 10:24 PM (IST)
आइएसआइ ने तालिबान को नहीं बनाने दी समावेशी सरकार, एक आडियो में हुआ सनसनीखेज पर्दाफाश
अंतरिम सरकार गठन को लेकर पाकिस्तान और तालिबान के मतभेद भी सामने आए

 नई दिल्ली, आइएएनएस। अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार और तालिबान की गतिविधियों में पाकिस्तानी दखल का एक और नमूना सामने आया है। अफगानिस्तान के कार्यवाहक उप रक्षा मंत्री मुल्ला फजल ने एक आडियो में कथित तौर पर बताया है कि पाकिस्तानी खुफिया प्रमुख फैज हमीद ने संगठन के लिए बड़ी समस्या पैदा की और तालिबान को समावेशी सरकार बनाने से रोक दिया। इस आडियो में काबुल के राष्ट्रपति भवन में फैज हमीद के अंगरक्षकों और तालिबानी लड़ाकों में हुए संघर्ष का भी जिक्र है।

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अफगानिस्तान के उप रक्षा मंत्री मुल्ला फजल के कथित आडियो में हुआ सनसनीखेज पर्दाफाश

राहा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आडियो में मुल्ला फजल को देश के पाकिस्तानी अतिथि (फैज हमीद) की आलोचना करते सुना जा सकता है। फजल ने तालिबानी कमांडरों से कहा कि पाकिस्तान ने संगठन के नाम को वैश्विक रूप तौर पर कलंकित कर दिया है। आडियो में अंतरिम सरकार गठन को लेकर पाकिस्तान और तालिबान के मतभेद भी सामने आए हैं। पाकिस्तान ने हक्कानी और क्वेटा तालिबान काउंसिल के कुछ सदस्यों को भी कैबिनेट में शामिल करने के लिए तालिबान पर दबाव बनाया था।

आइएसआइ प्रमुख ने काबुल पहुंच कर बनाया दबाव

तालिबान ने शुरुआत में समावेशी सरकार बनाने का एलान किया था, लेकिन इससे पहले की नई सरकार की घोषणा होती पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ प्रमुख फैज हमीद काबुल पहुंच गए और तालिबान के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद तालिबान ने सात सितंबर को अंतरिम सरकार का एलान किया, जिसमें गैर तालिबानी व महिलाओं को जगह नहीं दी गई थी।

हक्कानी नेटवर्क के सदस्यों का मंत्री बनना भारत विरोधी कदम

तालिबान की तरफ से घोषित सरकार में हक्कानी नेटवर्क के कई बड़े नेताओं को जगह मिलने को भी उसके भारत विरोधी कदम के तौर पर ही देखा जा रहा है। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की पूरी कोशिश यही प्रतीत हो रही है कि अफगानिस्तान के संचालन में भारत की कोई हिस्सेदारी नहीं हो।


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