अफगानिस्तान-तालिबान वार्ता रद, शांति प्रयासों के लिए जरूरी थी वार्तालाप
अफगानिस्तान में 18 साल से जारी संघर्ष को समाप्त कराने के प्रयासों को बड़ा झटका लगा।अफगान सरकार के प्रतिनिधियों और तालिबान के बीच इस सप्ताहांत कतर की राजधानी में होने वाली वार्ता रद
दोहा, एएफपी/आइएएनएस। अफगानिस्तान में 18 साल से जारी संघर्ष को समाप्त कराने के प्रयासों को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा। अफगान सरकार के प्रतिनिधियों और तालिबान के बीच इस सप्ताहांत कतर की राजधानी दोहा में होने वाली पहली शांति वार्ता रद हो गई है। इसका कारण अफगान सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडल में 250 लोगों को शामिल किया जाना बताया जा रहा है। वार्ता के लिए इतने भारी-भरकम प्रतिनिधिमंडल पर तालिबान ने तंज कसते हुए कहा, 'यह सामान्य सूची नहीं है। हमारी इतने लोगों से मिलने की योजना नहीं है। यह काबुल के होटल में किसी शादी समारोह का बुलावा नहीं है।' अफगानिस्तान ने वार्ता के पटरी से उतरने के लिए कतर सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
दोहा में तालिबान और अफगान सरकार के प्रतिनिधियों के बीच शुक्रवार से रविवार तक वार्ता होनी थी। इसके लिए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रशासन ने गुरुवार को 250 लोगों की सूची का एलान किया था। इसमें सरकार समेत अफगानिस्तान के हर क्षेत्र के लोगों को शामिल किया गया था।
वार्ता रद होने पर राष्ट्रपति भवन ने एक बयान में कहा, 'कतर सरकार ने प्रतिनिधियों की लंबी सूची खारिज कर दी और इसे छोटी करने की सलाह दी है। यह स्वीकार्य नहीं है।' अफगान सरकार और तालिबान के बीच वार्ता रद होने पर अमेरिका के विशेष दूत जालमे खलीलजाद ने भी अफसोस जाहिर किया है। उन्होंने कहा, 'हम सभी पक्षों के संपर्क में हैं और सभी को वार्ता के लिए प्रतिबद्ध रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।' खलीलजाद तालिबान के साथ चल रही शांति वार्ता में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। दोनों पक्षों में कई दौर की वार्ता हो चुकी है।