अब अफगान-तालिबान युद्धविराम है प्राथमिकता, 5 जनवरी से शुरू हुई दूसरे दौर की वार्ता
सितबंर से दोहा में दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता चल रही है। इसे बीच में तीन सप्ताह के लिए रोका गया था। पांच जनवरी से फिर वार्ता शुरू हो गई है। अफगान सरकार ने वार्ता के जो बिंदु तय किए हैं।
काबुल, आइएएनएस। अफगानिस्तान में हिंसा पर काबू पाने के लिए अफगान और तालिबान दोनों ही दोहा वार्ता में अपनी प्राथमिकता को तय करना चाहते हैं। दूसरे दौर की वार्ता में अफगान सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता युद्धविराम ही है। कतर की राजधानी दोहा में अफगान सरकार के वार्ताकार और तालिबान के बीच 5 जनवरी से दूसरे दौर की वार्ता शुरू हो चुकी है। इस बार की वार्ता शुरू होने में कुछ दिन की देरी हुई है।
काबुल में सरकार की तरफ से मध्यथता करने वाले नादेर नादरी ने बताया कि रविवार तक दोनों ही पक्षों के बीच चार बैठकें हो चुकी हैं। फिलहाल युद्धविराम की स्थिति तक पहुंचने के लिए अभी बातचीत का दौर चल रहा है। उन्होंने बताया कि दूसरे दौर की वार्ता युद्धविराम और हिंसा में कमी किए जाने पर ही केंद्रित है। टोलो न्यूज के अनुसार, अपने मांग के मसौदे में अफगान सरकार की टीम ने युद्धग्रस्त देश में सीजफायर, राष्ट्रीय संप्रभुता की सुरक्षा, मीडिया की आजादी और विदेशी लड़ाकों की गतिविधियों पर रोक लगाने की बात कही है। वहीं तालिबान ने अपनी मांगों में इस्लाम सरकार, इस्लाम परिषद की मांग के साथ महिलाओं के अधिकारों के अलावा इस्लाम के आधार पर नागरिकों के हकों को सुनिश्चित करने की बात कही है।
ज्ञात हो कि सितबंर से दोहा में दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता चल रही है। इसे बीच में तीन सप्ताह के लिए रोका गया था। पांच जनवरी से फिर वार्ता शुरू हो गई है। अफगान सरकार ने वार्ता के जो बिंदु तय किए हैं उनमें युद्धविराम, राष्ट्रीय संप्रभुता, विदेशी लड़ाकों की देश में रोक जैसे मुद्दे हैं। तालिबान इस्लामिक सरकार का गठन, इस्लामी सिद्धातों पर महिलाओं और नागरिकों के अधिकारों को अपनी वार्ता में शामिल किए हुए हैं।
29 फरवरी 2020 को दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच एक समझौता हुआ था। समझौते में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही अंतर अफगान वार्ता प्रमुख मुद्दे थे।