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नए शांति मिशन पर काबुल में खलीलजाद, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने की मुलाकात

अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के लिए नियुक्त वाशिंगटन के विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद के नेतृत्व में काबुल पहुंचे प्रतिनिधिमंडल से देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 10:43 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 10:43 AM (IST)
नए शांति मिशन पर काबुल में खलीलजाद, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने की मुलाकात
अमेरिकी शांति प्रतिनिधिमंडल से अफगान के राष्ट्रपति ने की मुलाकात

  काबुल, आइएएनएस। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी (Afghan President Mohammad Ashraf Ghani) ने काबुल पहुंचे अमेरिका के अंतर मंत्रालयी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के लिए नियुक्त वाशिंगटन के विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद (Zalmay Khalilzad) कर रहे हैं।  राष्ट्रपति के कार्यालय के अनुसार, रविवार को दोनों पक्षों की मुलाकात के दौरान सहयोग बढ़ाने व द्विपक्षीय राजनीतिक, सुरक्षा व आर्थिक संबंधों को बनाए रखने समेत अनेक मुद्दों पर चर्चा की गई।

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11 सितंबर तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी को लेकर किए गए राष्ट्रपति जो बाइडन के ऐलान के एक माह बाद खलीलजाद अफगानिस्तान पहुंचे हैं। टोलो न्यूज के अनुसार अफगानिस्तान के राजनीतिक भविष्य को देखते हुए यह ऐलान किया गया है। पेंटागन के अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी सेनाओं की एक तिहाई वापसी हो चुकी है। अमेरिकी सैन्य बल की ओर से अफगान सैन्य बल को कुछ बेस सौंप दिए गए। अफगानिस्तान में हिंसा चरम पर है जबकि दोहा में जारी शांति वार्ता में कोई प्रगति नहीं है।

खलीलजाद के इस दौरे से पहले अमेरिका के गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल की ओर से अफगानिस्तान के विकास व राजनीतिक समझौते के क्रम में अमेरिका की ओर से सहायता जारी रखा जाएगा जिससे युद्ध का अंत हो सकेगा। गनी के अलावा खलीलजाद ने रविवार को शांति प्रक्रिया के उच्चायोग के प्रमुख (HCNR) अब्दुल्ला अब्दुल्ला ( Abdullah Abdullah) से भी मुलाकात की।

पिछले माह के अंत में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने अफगानिस्तान के अपने समकक्ष हमदुल्लाह मोहिब से बात की थी। शांति प्रक्रिया पर चर्चा करते हुए उन्होने जोर दिया कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बावजूद उनका देश अफगानिस्तान की सरकार और उसके लोगों के साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने एक-दूसरे से साथ वार्ता और विचार विमर्श जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। सुलिवन ने अफगानिस्तान के लोगों को असैन्य सहायता देने के साथ ही अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों को सुरक्षा सहायता देते रहने की अमेरिका की योजनाओं के बारे में बताया।


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