तालिबान के खिलाफ अभियान तेज, 24 घंटों में 10 नागरिक समेत 70 की मौत, शांति समझौते को ठेस
इस अभियान में 24 घंटों में देश भर में 10 नागरिकों समेत 70 से अधिक लोग मारे गए हैं। इस अभियान से शांति समझौते को गहरा धक्का लगा है।
काबुल, एजेंसी। अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान समूह के खिलाफ सैन्य अभियान तेज कर दिया है। इस अभियान में 24 घंटों में देश भर में 10 नागरिकों समेत 70 से अधिक लोग मारे गए हैं। तालिबान और अफगान सरकार के इस ताजा संघर्ष से अमेरिका और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते को गहरा धक्का लगा है। हालांकि, अभी तक इस पर अमेरिका की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। खास बात यह है कि इस सैन्य अभियान में बड़ी तादाद में तालिबान आतंकवादी मारे गए, लेकिन तालिबान के हाथों निर्दोष नागरिक भी शिकार हुए हैं। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
दो अलग-अलग बम धमाकों में 11 की मौत
एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता मोहम्मद ज़मान हमदर्द ने कहा हेल्मंद प्रांत में रविवार को सड़क किनारे हुए बम धमाके में एक महिला और दो बच्चों समेत कम से कम छह लोगों की मौत हो गई, अन्य दो लोग घायल हैं। प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता अब्दुल मारूफ अजार ने कहा कि इसी तरह की घटना में उत्तरी जावजान प्रांत के मंजेक जिले में तालिबान विद्रोहियों ने दो बच्चों सहित तीन नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया।कार्रवाई के दौरान उत्तरी फरीब प्रांत के कारगान क्षेत्र में शनिवार शाम एक घर में आग लग गई, जिसमें एक नागरिक की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।
सैन्य अभियान में बड़ी तदादा में मारे गए आतंकवादी
अधिकारियों के अनुसार रविवार को पूर्वी गजनी और पड़ोसी प्रांतों में सरकारी बलों के ऑपरेशन में 23 आतंकवादी मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए। पुलिस ने कहा कि तालिबान आतंकवादियों की ओर से भी गोलीबारी की गई। पुलिस के मुताबिक पिछले 24 घंटों में फरीब प्रांत के करमकुल जिले में आठ आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया, 13 अन्य घायल हैं। प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता मारौफ अजार ने दावा किया कि 24 घंटों के दौरान उत्तरी जावजान प्रांत में एक दर्जन आतंकवादी मारे गए हैं। सुरक्षा बलों ने पिछले 24 घंटों में पूर्वी कापीसा प्रांत में सात आतंकवादियों को मार गिराया और सात अन्य को घायल कर दिया। आंतरिक मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, शनिवार को पश्चिमी घोर प्रांत के सागर जिले में कुल 14 आतंकवादी मारे गए और 15 अन्य घायल हो गए। आमतौर पर अफगानिस्तान में वसंत और गर्मियों में गर्मी का मौसत आमतौर पर युद्ध के मौसम के रूप में जाना जाता है।