सिंगापुर में 42 नए कोरोना वायरस मामलों रिपोर्ट हुए, 4 महीनों में सबसे कम रहा आंकड़ा
बुधवार के मामलों में 29 मार्च के बाद से सबसे कम मामले आए हैं।
सिंगापुर , रायटर। सिंगापुर में बुधवार को 42 नए सीओवीआईडी -19 मामले सामने आए। बताया गया कि यह आंकड़ा पिछले साढ़े चार महीने के दौरान आए मामलों में सबसे कम है। शहरों में अप्रैल के मध्य में लॉकडाउन हो गया था। इनमें प्रवासी श्रमिक थे, जिनसे बड़े पैमाने पर कोरोना फैला। पिछले हफ्ते, सरकार द्वारा बताया गया कि सभी डॉर्मिटरीज़ से संक्रमण साफ कर दिया गया है। लगभग 300,000 श्रमिकों के आवास। वहीं कुछ ब्लॉकों को छोड़कर कुछ में आइसोलेशन की व्यव्सथा की गई है। बता दें कि बुधवार के मामलों में 29 मार्च के बाद से सबसे कम मामले आए हैं।
बता दें कि अब दुनिया में कोरोना वायरस के मामले भारत में काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में कुल संक्रमितों की संख्या 23 लाख के पार पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 23 लाख 29 हजार 638 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 46,091 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 लाख 39 हजार लोग ठीक भी हुए हैं। पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 60,963 नए मामले सामने आए और 834 मौतें हुईं। ये आंकड़ा दुनिया में सबसे ज्यादा है। अमेरिका और ब्राजील में बीते दिन क्रमश: 52,956 और 54,923 नए मामले आए हैं।
कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश है। अमेरिका, ब्राजील के बाद कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत है, लेकिन देश में कोरोना मामले बढ़ने की रफ्तार भी दुनिया में पहले नंबर पर बनी हुई है। बात प्रति 10 लाख आबादी पर संक्रमित मामलों और मृत्युदर की बात करें तो अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति बहुत बेहतर है। भारत से अधिक मामले अमेरिका (5,304,394), ब्राजील (3,112,393) में हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के अनुसार 11 अगस्त तक कोरोना वायरस के लिए 2 करोड़ 60 लाख 15 हजार 297 नमूनों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 7 लाख 33 हजार 449 नमूनों की जांच मंगलवार को की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि 31 मार्च को 88.83 फीसद सक्रिय मामलों की तुलना में इस समय इनकी संख्या 28.21 फीसद रह गई है। इनमें से भी एक फीसद से भी कम मरीज वेंटीलेटर पर हैं, जबकि तीन फीसद से कम मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। आइसीयू में चार फीसद से कम मरीज हैं।