भूकंप के झटकों से फिर हिला इंडोनेशिया, दहशत में लोग, किसी के हताहत होने की खबर नहीं
भूकंप के झटकों के बाद इलाके में अफरा-तफरी और भय का माहौल। हालांकि इस प्राकृतिक आपदा में किसी के हताहत होने या नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है।
जकार्ता, एजेंसी। पश्चिमी इंडोनेशिया में भूकंप के शक्तिशाली झटके कई बार महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई है। भूकंप के झटकों के बाद इलाके में अफरा-तफरी और भय का माहौल। हालांकि, इस प्राकृतिक आपदा में किसी के हताहत होने या नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने कहा कि भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर था। यूएसजीएस ने कहा कि यह बेंगकुलू शहर से 144 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में सुमात्रा द्वीप पर बेंगकुलु प्रांत में केंद्रित था। यहां के कई प्रांतों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। राहत की बात यह है कि भूकंपों के लिए कोई सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की गई है। इंडोनेसिया में आए दिन भूकंप आते हैं। कई बार इस प्राकृतिक आपाद से जान-माल को भारी नुकसान हुआ है।
तीन वर्षों में भूकंप के दो बड़े झटके
हाल के तीन वर्षों में देखे तो भूकंप के दो बड़े झटकों से देश में जान-माल को काफी नुकसान हुआ है। सितंबर, 2019 में इंडोनेशिया के तटीय शहर डोंगाला में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके बाद पालू शहर में भयंकर सुनामी ने दस्तक दी थी। सुलवेसू द्वीप का प्रमुख शहर पालू और भूकंप के केंद्र के पास स्थित डोंगाला शहर सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र था। इसमें 800 से अधिक लोगों के मौत हुई थी। अगस्त, 2018 में इंडोनेशिया के लॉमबोक द्वीप पर शक्तिशाली भूकंप आया था। भूकंप में जान-माल को काफी नुकसान हुआ था। कई इमारतें भर-भराकर गिर पड़ी थी। इसमें 90 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। 10,000 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। गिली द्वीप पर फंसे 1,000 से ज्यादा पर्यटकों को नावों के जरिए निकाला गया था।
रिंग ऑफ फायर के कारण आते हैं भूकंप
रिंग फायर के क्षेत्र में होने के कारण इंडोनेशिया में आए दिन भूकंप के झटके महसूस होते हैं। आखिर क्या है ये रिंग ऑफ फायर ? दुनिया के कौन-कौन से मुल्क इसकी परिधि में आते हैं। दरअसल, रिंग ऑफ फायर के क्षेत्र में क्षेत्र में करीब 450 सक्रिय और शांत ज्वालामुखी मौजूद हैं। यह क्षेत्र एक अर्धवृत के आकार में है। इस क्षेत्र का विस्तार फिलीपींस सी प्लेट, प्रशांत प्लेट, यूआन दे फूका और कोकोस प्लेट और नाज्का प्लेट के बीच में है। इस इलाके में पृथ्वी के प्लेट टेक्टोनिक्स में बदलाव होता रहता है, जिसके कारण इस इलाके में बहुत सी भूगर्भीय घटनाएं होती रहती हैं। इस क्षेत्र में इंडोनेशिया, मलेशिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंज, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीप, फिजी. मेलानेशिया, माइक्रोनेशिया और पोलेनेशिया के साथ उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के पूर्वी और पश्चिमी समुद्र तट आते हैं। इन जगहों पर हमेशा भूकंप का खतरा बना रहता है। हालांकि, हर जगह पर भूकंप की तीव्रता अलग-अलग कारणों पर निर्भर रहती है।