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अफगानिस्तान में हिंसा बढ़ने से पिछले 72 घंटों में 27 बच्चों की मौत 136 घायल, संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता

अफगानिस्तान में लगातार जारी हिंसा के बीच संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी हमलों में बच्चों की मौत पर चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र के तरफ से जारी एक बयान में बताया गया है कि बीते 72 घंटों में हिंसा बढ़ने से कम से कम 27 बच्चों की मौत हुई है।

By Amit KumarEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 09:19 PM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 09:19 PM (IST)
अफगानिस्तान में हिंसा बढ़ने से पिछले 72 घंटों में 27 बच्चों की मौत 136 घायल, संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
27 children killed 136 injured in past 72 hours

जिनेवा, एजेंसियां: अफगानिस्तान में लगातार जारी हिंसा के बीच, संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी हमलों के दौरान बच्चों की मौत पर चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र के तरफ से जारी एक बयान में बताया गया है कि, बीते 72 घंटों में हिंसा बढ़ने से कम से कम 27 बच्चों की मौत हुई है और करीब 136 घायल हुए हैं। साथ ही बच्चों के खिलाफ हिंसा के गंभीर मामलों पर संयुक्त राष्ट्र ने विरोध भी दर्ज कराया है।

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अफगान बच्चों की स्थिति गंभीर

संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन फंड (यूनिसेफ) ने बताया है कि, पिछले 72 घंटों में, कंधार प्रांत में 20 बच्चे मारे गए हैं और 130 बच्चे घायल हुए हैं। वहीं, खोस्त प्रांत में दो बच्चे मारे गए और तीन घायल हुए हैं और पक्तिया प्रांत में, पांच बच्चे मारे गए और तीन घायल हैं। बच्चों के खिलाफ अत्याचार दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। ये अत्याचार अफगानिस्तान में पहले से ही गंभीर स्थिति में रह रहे बच्चों पर, होने वाली क्रूर प्रकृति और हिंसा के पैमाने का भी सबूत है।

तालिबान में बच्चों की भर्ती

गौरतलब है कि, गुजरे दिनों में तालिबानी आतंकियों ने नागरिकों और अफगान रक्षा बलों के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। साथ ही अफगानिस्तान में कई प्रमुख जिलों पर भी कब्जा कर लिया है। इस बीच ये भी सामने आया है कि, तालिबान बड़ी तादाद में आतंकियों के तौर पर बच्चों को भर्ती कर रहा है। इस पर यूनिसेफ ने चिंता जताते हुए कहा है कि, अपने समुदायों के खिलाफ अत्याचार को देखते हुए बहुत से बच्चों को आघात पहुंचा है, ऐसे वक्त में उन्हें मार्गदर्शन की जरूरत है।

हिंसा का अंत एकमात्र उपाय

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, अफगानिस्तान में हिंसा का अंत ही बच्चों के बचपन को बचा सकता है। देश में जब तक संघर्ष जारी रहेगा, तब तक बच्चों के अधिकारों से समझौता होगा और उनके भविष्य पर खतरा मंडराता रहेगा। एजेंसी ने कहा है कि, देश के सभी बच्चों को सुरक्षा और शांति की आवश्यकता है।


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