वजन घटाने की सर्जरी से कम होता है आंत के कैंसर का खतरा, इलाज की दिशा में उम्मीद की नई किरण
इस विश्लेषण के लिए शोधकर्ताओं ने साल साल तक कुल 1213727 रोगियों के स्वास्थ्य की जांच की है।
दुबई, प्रेट्र। आंत के कैंसर के इलाज की दिशा में एक और उम्मीद की किरण नजर आई है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि वजन घटाने की सर्जरी से कोलोरेक्टल यानी आंत के कैंसर का जोखिम एक तिहाई तक कम किया जा सकता है।
कुवैत के जबेर अल-अहमद हॉस्पिटल शोधकर्ताओं ने कहा, 'ओबेसिटी यानी मोटापा टाइप 2 डाइबिटीज, कार्डियोवस्कुलर डिजीज और कैंसर जैसी बीमारियों का सबसे बड़ा कारक है और इनका जोखिम भी कई गुना बढ़ा देता है।
35 फीसद कम होता है जोखिम
ब्रिटिश जर्नल 'सर्जरी' में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया है कि जो मरीज बेरिएट्रिक सर्जरी या वजन घटाने के लिए सर्जरी करते हैं, उनमें मोटापा कम करने के लिए सर्जरी न कराने वाले मरीजों की अपेक्षा कोलोरेक्टल कैंसर विकसित होने का जोखिम 35 फीसद कम होता है।
इस विश्लेषण के लिए शोधकर्ताओं ने साल साल तक कुल 1,213,727 रोगियों के स्वास्थ्य की जांच की। शोधकर्ताओं ने कहा ऐसा करना इसलिए जरूरी था क्योंकि व्यक्तिगत परीक्षण में कई बार विरोधाभाषी परिमाण सामने आते हैं।
सर्जरी एक महत्वपूर्ण उपकरण
जबेर अल-अहमद अस्पताल से प्रमुख लेखक सुलेमान अल्माजेदी ने कहा, 'वैज्ञानिक समुदाय हर दिन वजन घटाने की सर्जरी के लाभों को बताते हैं। हमारा शोध पत्र इसकी पुष्टि करता है।' उन्होंने कहा कि आज के समय में मोटापा कई बीमारियों का कारण बनता है और कई बार इसके चलते मौत तक हो जाती है। अल्माजेदी ने कहा कि शोध से एक बात तो निश्चित हो जाती है कि कैंसर की महामारी से निपटने के लिए वजन घटाने की सर्जरी एक महत्वपूर्ण उपकरण हो सकती है।
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने वजन घटाने की सर्जरी करवाई थी उनमें कोलोरेक्टल कैंसर के विकास का कुल जोखिम 1,000 में से तीन लोगों में पाया गया।