रूसी रक्षा मंत्री के अमेरिका पर गंभीर आरोप, कहा- अफगानिस्तान में अमेरिकी मिशन विफल, काबुल प्रशासन के नियंत्रण से बाहर है स्थिति
रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने बुधवार को अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका और नाटो सेनाओं का मिशन विफल हो गया है और अब अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति राष्ट्रपति अशरफ गनी सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है।
दुशांबे, एजेंसियां: रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने बुधवार को अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि, अफगानिस्तान में अमेरिका और नाटो सेनाओं का मिशन विफल हो गया है और अब अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति राष्ट्रपति अशरफ गनी सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। रूस द्वारा यह टिप्पणी रुकी हुई अंतर-अफगान वार्ता और युद्धग्रस्त देश पर तालिबान की मजबूत होती पकड़ के बीच आई है।
रूस के अमेरिका पर गंभीर आरोप
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक को संबोधित करते हुए, शोइगू ने कहा कि अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में हाल ही में हुई घटनाओं के बाद ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान में अफगानों का भारी पलायन यह साबित करता है कि, अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौतों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। स्पुतनिक ने शोइगु के हवाले से कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति तेजी से बिगड़ रही है और व्यावहारिक रूप से अधिकारियों के नियंत्रण से बाहर है। तालिबान पहले से ही अधिकांश क्षेत्र पर नियंत्रण कर रहा है।
अन्य आतंकी संगठन चिंता का कारण
शोइगु ने अफगानिस्तान में बिगड़ते हालातों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि, इस वक्त खासतौर से चिंता का विषय आईएसआईएस और अन्य अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों की स्थिति को लेकर है, धीरे धारे उनकी शक्ति बढ़ रही है। जिसके चलते पड़ोसी देशों में उनके प्रवेश का खतरा बढ़ गया है। वहीं, दुशांबे में मौजूद भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बेलारूसी समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल विक्टर ख्रेनिन से मुलाकात की। राजनाथ सिंह दुशांबे एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए वहां पहुंचे थे।
बैठक में भारतीय रक्षा मंत्री भी मौजूद
भारतीय रक्षा मंत्रालय के प्रमुख प्रवक्ता भारत भूषण बाबू ने बताया है कि, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज दुशांबे में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान बेलारूस गणराज्य के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल विक्टर ख्रेनिन से मुलाकात की। राजनाथ सिंह सदस्य राज्यों के रक्षा मंत्रियों की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए दुशांबे में हैं।