अफगानिस्तान में जारी हिंसा के बीच अमेरिकी सेना की वापसी शुरू
अफगानिस्तान में जारी हिंसा के बीच अमेरिकी सेना की वाापसी आधिकारिक तौर पर शुरू हो गई। वहीं यहां के भीड़ भरे क्षेत्र में आत्मघाती हमला हुआ जिसमें 30 नागरिकों की मौत हो गई और 70 लोग घायल हो गए।
काबुल, एजेंसियां। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) की घोषणा के मुताबिक आधिकारिक रूप से अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो सेना की वापसी शनिवार से शुरू हो गई। अमेरिकी सेना की वापसी के दौरान भी देश मेंहिंसा में कोई कमी नहीं है। ताजा हमले में राजधानी लोगर प्रांत में आतंकियों ने भीड़ में कार बम विस्फोट कर दिया। इसमें तीस लोगों की मौत हो गई।
11 सितंबर तक जारी रहेगी प्रक्रिया
अमेरिका ने एक मई से सेना वापसी का निर्णय लिया था। पूरी सेना की वापसी 11 सितंबर तक होगी। अफगानिस्तान में ढाई हजार से ज्यादा अमेरिकी और सात हजार नाटो देशों के सैनिक वर्तमान में तैनात हैं। विदेशी सेना की वापसी से पहले पूरा माहौल बदला-बदला सा है। सेना अपने साजो सामान का हिसाब-किताब कर रही है। कुछ सामान और हथियार लिस्ट बनाकर अफगानिस्तान की सेना को सौंपे जा रहे हैं। कुछ सामान अफगानिस्तान के बाजार में बेचा गया है और जो उपकरण अमेरिका ले जाने हैं, उनको सी-17 कार्गो विमान में लादा जा रहा है।
सेना की वापसी, हिंसा जारी
सेना वापसी के बीच अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों में कोई कमी नहीं हुई है। शुक्रवार को पूर्वी लोगर प्रांत में पुल ए आलम हॉस्पीटल और एक गेस्टहाउस के सामने भीड़ भरे क्षेत्र में कार में बम विस्फोट हुआ। यह आत्मघाती हमला था। यहां 30 नागरिकों की मौत के साथ 70 लोग घायल हुए हैं। घायलों में कई गंभीर हैं। विस्फोट से अस्पताल की इमारत और एंबुलेंस, सामने के गेस्ट हाउस को जबर्दस्त नुकसान पहुंचा है। स्वास्थ्य कर्मियों के भी घायल होने की जानकारी मिली है। बम विस्फोट से पीडि़त ज्यादातर छात्र हैं, जो विश्वविद्यालय की परीक्षा देने आए थे। हमले की किसी ने भी जिम्मेदारी नहीं ली है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री ने इसके लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया है।
The US formally begins withdrawing its last troops from Afghanistan, bringing its longest war nearer to an end but also heralding an uncertain future for a country in the tightening grip of an emboldened Taliban https://t.co/16NrhqX5L1" rel="nofollow pic.twitter.com/VbZ77bzxAB— AFP News Agency (@AFP) May 1, 2021