Move to Jagran APP

ईरान को कमजोर करने के लिए इन देशों ने बनाया था दबाव, सुलेमानी की हत्या से रह गए थे सन्न

कुद्स फोर्स कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद खाड़ी में अमेरिका के सहयोगी भी हैरान रह गए।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 09:28 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 09:28 PM (IST)
ईरान को कमजोर करने के लिए इन देशों ने बनाया था दबाव, सुलेमानी की हत्या से रह गए थे सन्न
ईरान को कमजोर करने के लिए इन देशों ने बनाया था दबाव, सुलेमानी की हत्या से रह गए थे सन्न

दुबई, एपी। फारस की खाड़ी में अमेरिका के सहयोगी उस पर ईरान को अलग-थलग और कमजोर करने के लिए सख्त नीति अपनाने का लगातार दबाव बना रहे थे। लेकिन, अप्रत्याशित तरीके से ईरान के शक्तिशाली सैन्य कमांडर की पिछले सप्ताह की गई हत्या उस रणनीति का परीक्षण है, जिससे क्षेत्र में पूर्णरूपेण युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ गई है। खाड़ी के देश भी ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध और अधिकतम दबाव का समर्थन कर रहे हैं।

loksabha election banner

बहरहाल सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात युद्ध टालना चाहते हैं। शुक्रवार को जिस हवाई हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड के ताकतवर कुद्स फोर्स कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या हुई, उससे खाड़ी में अमेरिका के सहयोगी भी हैरान रह गए। अब वे यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका और ईरान की लड़ाई में उन्हें न घसीट लें।

ईरान ने सुलेमानी की हत्या के जवाब में बुधवार को इराक में दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह जवाबी सैन्य कार्रवाई तो नहीं करेंगे, लेकिन ईरान पर अधिकतम दबाव और आर्थिक प्रतिबंध लगाने के अभियान को जारी रखेंगे।

इस बीच, क्षेत्र में अगले घटनाक्रम से आशंकित सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने तनाव घटाने का आह्वान किया है। सऊदी अरब ने अपने उप रक्षा मंत्री राजकुमार खालिद बिन सलमान को वाशिंगटन भेजा। वहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनके दामाद एवं सलाहकार जेरेड कुशनर से सोमवार को व्हाइट हाउस में मुलाकात की। सऊदी अरब ने कहा कि ईरानी सरकार के उकसावे और अस्थिरता पैदा करने वाली घटनाओं की पृष्ठभूमि में तनाव घटाने और संघर्ष रोकने पर चर्चा की गई। सुलेमानी की हत्या के अगले ही दिन कतर के विदेश मंत्री तेहरान गए और तनाव कम करने को कहा।

अल अरबिया की अंग्रेजी वेबसाइट के प्रधान संपादक मुहम्मद अलयाह्या ने कहा कि कोई भी पारंपरिक युद्ध नहीं चाहता। इसमें कोई विजेता नहीं होता। इसमें केवल लोग हारते हैं। तनाव की वजह से तेल कीमतों में वृद्धि हुई और यह 70 डॉलर (लगभग पांच हजार रुपये) प्रति बैरल पहुंच गई है। संयुक्त अरब अमीरात के ऊर्जा मंत्री सुहैल अल मजरोउइ ने बुधवार को कहा कि इस क्षेत्र में तेल और उसकी आपूर्ति पर कोई खतरा नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.