कोरोना महामारी के बीच UN के मध्य पूर्व के दूतों ने की संयुक्त रूप से संघर्ष रोकने की अपील
कोरोना महामारी संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र के दूतों ने मध्य पूर्व में शांति वार्ता शुरू करने और संघर्ष रोकने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र, एजेंसी। कोरोना महामारी संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र के दूतों ने मध्य पूर्व में शांति वार्ता शुरू करने और संघर्ष रोकने की अपील की है। शनिवार को यह संयुक्त अपील सीरिया के संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन, लेबनान के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक जन कुबिस, इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि जीनिन हेंस-प्लास्चर्ट; मार्टिन ग्रिफिथ्स और यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत मार्टिन ग्रिफिथ्स ने मध्य पूर्व में तत्काल वैश्विक युद्ध विराम की अपील की है।
सभी युद्धरत दलों से शत्रुता को वापस लेने का आग्रह
संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूतों ने सभी युद्धरत दलों से शत्रुता को वापस लेने का आग्रह किया है। दूतों ने कहा कि मध्य पूर्व के बहुत से लोगों ने बहुत लंबे समय तक संघर्ष और अभाव को सहन किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पीड़ा अब सीओवीआईडी -19 संकट और इसके लंबे समय तक चलने वाले सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रभावों से प्रभावित है।संयुक्त बयान में दूतों ने कहा कि हम सभी पक्षों से बिना किसी पूर्व शर्त के शांति की अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच मौजूदा समय में संघर्ष पर विराम लगाना चाहिए।
व्यापक संयम बरतने और तनाव को कम करने की अपील
संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूतों ने कहा कि हम सभी से व्यापक संयम बरतने और तनाव को कम करने के लिए वार्ता एंव मध्यस्थता जैसे शांतिपूर्ण साधनों के माध्यम से मतभेदों को हल करने के लिए अपील करते हैं। हम आगे सभी से किसी भी गतिविधियों से परहेज करने का आह्वान करते हैं जिससे स्थिरता और बिगड़ सकती है। दूतों की संयुक्त बैठक आंतरिक रूप से विस्थापित और शरणार्थियों के लिए, जो बिना किसी पूर्वाग्रह या भेदभाव के युद्ध और अभाव से त्रस्त हो चुके है मानवीय सहायता एवं सुविधा के लिए बुलाया गया था।
कोई भी देश अकेले COVID -19 की चुनौती का सामना नहीं कर सकता
दूतों ने कहा कि कोई भी देश, क्षेत्र या समुदाय अकेले COVID -19 की चुनौती का सामना नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज एकजुटता समय की जरूरत है और कल भी इसकी आवश्यकता होगी। मध्य पूर्व में यदि युद्ध और संघर्ष की तोपों को खामोश नहीं किया गया तो इनमें से कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा। इसलिए हम मध्य-पूर्व में सभी दलों को बुलाकर संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने के लिए महासचिव के संदेश को दोहराते हैं ताकि हम अपने जीवन की सच्ची लड़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।