Turkey-Syria offensive: सीरिया में घुसकर कुर्दो पर तुर्की का हमला, UNSC ने बुलाई आपात बैठक
Turkey-Syria offensive रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोन कर राष्ट्रपति एर्दोगन से कोई भी कार्रवाई करने से पहले ठंडे दिमाग से सोचने की सलाह दी थी।
रास अल-आईन, एएफपी। तुर्की ने अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक बुधवार को सीरिया में घुसकर कुर्द विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई और तोपखाने से हमला बोल दिया। इस हमले में आठ नागरिकों समेत 15 लोग मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तुर्की के इस हमले के बाद आपात बैठक बुलाने जा रहा है। इस बैठक को बुलाने की मांग ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम, पोलैंड और जर्मनी ने की है।
ट्विटर पर राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोगन के एलान के कुछ ही क्षणों के बाद रास अल-आईन सीमा के पास सफेद धुंए का गुबार देखा गया। जिन कुर्द विद्रोहियों को तुर्की की सेना निशाना बना रही है, उन्होंने आतंकी संगठन आइएस से लड़ाई में अमेरिकी सेना का साथ दिया था। लेकिन अब अमेरिका ने उनका साथ छोड़ दिया है और तुर्की-सीरिया सीमा से अपने सैनिकों को हटा लिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम की अमेरिका में भी आलोचना हो रही है।
ऑपरेशन पीस स्प्रिंग के तहत कार्रवाई
एर्दोगन ने अपने संदेश में लिखा- हमारा उद्देश्य दक्षिणी सीमा पर बने टेरर कॉरीडोर को खत्म करना है। इससे इलाके में शांति स्थापित होगी। तुर्की की सेना कुर्द विद्रोहियों के साथ ही इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। एर्दोगन ने कार्रवाई को ऑपरेशन पीस स्प्रिंग का नाम दिया है। सीरिया में मानवाधिकारों के मामलों पर नजर रखे ब्रिटिश संस्था ने रास अल-राईन इलाके में तुर्की के लड़ाकू विमानों के हमले की पुष्टि की है और बताया है कि इससे जन-धन का नुकसान हुआ है।
सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की अपील
तुर्की की सरकारी न्यूज एजेंसी ने सीरिया के सीमावर्ती कस्बे ताल अबयाद के कुर्द ठिकानों पर तोपों से हमले की खबर दी है। तुर्की के हमले की धमकी के बीच सीरियाई कुर्दो ने इलाके के लोगों से अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कहा है।
डोनाल्ड ट्रंप का असमंजस पैदा करने वाला बयान
सीमा से सैनिक हटाने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का असमंजस पैदा करने वाला बयान आया है कि अमेरिका अपने कुर्द सहयोगियों को नहीं छोड़ेगा, क्योंकि मुश्किल समय में उन्होंने आइएस के खिलाफ साथ लड़ाई लड़ी। लेकिन माना जा रहा है कि ट्रंप की हरी झंडी के बाद ही तुर्की ने कुर्दो पर हमला किया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोन कर राष्ट्रपति एर्दोगन से कोई भी कार्रवाई करने से पहले ठंडे दिमाग से सोचने की सलाह दी थी।