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सुलेमानी की बेटी ने कहा, पिता का खून बेकार नहीं जाएगा, हिजबुल्ला लेगा अमेरिका से बदला

जेनब ने लेबनान के अल-मनार टीवी को बताया कि घटिया राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मारे गए ईरानी कमांडर की उपलब्धियों को मिटा नहीं सकता।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 01:04 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 03:16 AM (IST)
सुलेमानी की बेटी ने कहा, पिता का खून बेकार नहीं जाएगा, हिजबुल्ला लेगा अमेरिका से बदला
सुलेमानी की बेटी ने कहा, पिता का खून बेकार नहीं जाएगा, हिजबुल्ला लेगा अमेरिका से बदला

बेरूत, एपी। अमेरिकी हमले में मारे गए ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी की बेटी जेनब सुलेमानी ने कहा है कि उनके पिता की मौत ने उन्हें 'तोड़' नहीं पाएगा और अमेरिका को यह जान लेना चाहिए कि उनका खून बेकार नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि वह जानती हैं कि हिजबुल्ला नेता हसन नस्त्रल्लाह उनके पिता की मौत का बदला लेंगे।

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ट्रंप मारे गए ईरानी कमांडर की उपलब्धियों को मिटा नहीं सकता

जेनब ने लेबनान के 'अल-मनार टीवी' को बताया कि 'घटिया' राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मारे गए ईरानी कमांडर की उपलब्धियों को मिटा नहीं सकता। रविवार को प्रसारित संक्षिप्त साक्षात्कार में जेनब सुलेमानी ने कहा कि ट्रंप को हिम्मत नहीं है, क्योंकि उनके पिता को एक फासले से मिसाइल से निशाना बनाया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति को उनके सामने खड़ा होना चाहिए था।

अमेरिका ने 52 ठिकाने ही क्यों चुने

सवाल है कि अमेरिका ने ईरान के 52 ठिकाने ही हमले के लिए क्यों चुना है? ट्रंप ने अपने ट्वीट में कहा कि 52 अंक उन लोगों की संख्या को दर्शाता है, जिन्हें एक साल से अधिक समय तक तेहरान स्थित अमेरिकी दूतावास में 1979 में बंधक बनाकर रखा गया था। ट्रंप ने यह भी कहा कि इनमें से कुछ स्थान ईरानी संस्कृति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन लक्ष्यों पर और ईरान पर बहुत तेजी से और बहुत जोरदार तरीके से हमला किया जाएगा। अमेरिका कोई और खतरा नहीं चाहता है।

ईरान ने ट्रंप को सूट में आतंकी बताया

ट्रंप की टिप्पणियों का जवाब देते हुए ईरान के सूचना और दूरसंचार मंत्री मुहम्मद जवाद अजरी जहरोमी ने उनकी तुलना आइएस, हिटलर और चंगेज खान से की और उन्हें सूट में आतंकी करार दिया। ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने ट्वीट किया, 'शुक्रवार के कायराना हमले में अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन किया गया। ट्रंप ने फिर से ऐसा उल्लंघन करने की धमकी दी है, लेकिन, सांस्कृतिक स्थलों को निशाना बनाना एक युद्ध अपराध है। चाहे जैसे भी हो पश्चिम एशिया में अमेरिका की मौजूदगी खत्म होनी शुरू हो गई है।'


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