इराकी सरकार के लिए राहत, सुरक्षा बलों ने चर्चित उम्म कासर बंदरगाह के प्रवेश द्वार खोला
बंदरगाह अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि इस बंदरगाह के परिचालन में अभी वक्त लगेगा। लेकिन बंदरगाह के प्रवेश द्वार को खोल दिया गया है।
बेसरा, एजेंसी। सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के बाद इराक के मुख्य बंदरगाह के प्रवेश द्वार को फिर से खोल दिया। यह खाड़ी का एक प्रमुख बंदरगाह है। बता दें कि इस बंदरगाह को प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को अवरुद्ध कर दिया था। बंदरगाह अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि इस बंदरगाह के परिचालन में अभी वक्त लगेगा। लेकिन बंदरगाह के प्रवेश द्वार को खोल दिया गया है।
बता दें कि इराक में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन अक्टूबर माह में शुरू हुए थे और इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। लोग मौजूदा सरकार को बखार्स्त करने के साथ ही आर्थिक सुधारों, बेहतर जीवन परिस्थितियों, सामाजिक कल्याण और भ्रष्टाचार को समाप्त करने जैसी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
सरकार के खिलाफ हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 15 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। इराक के 66 अधिकारियों पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्याधिक बल प्रयोग के आरोप हैं।
इसका असर बंदरगाह पर भी पड़ा है। बंदरगाह इराक के लिए एक जीवन रेखा है। इसके बंद होने के व्यापक असर हो सकते है। इराक के आयात एवं निर्यात का प्रमुख केंद्र है। इस बंदरगाह से अनाज, वनस्पति तेलों और चीनी शिपमेंट का आयात होता है। इराकी मुख्य रूप से आयातित भोजन पर निर्भर रहते है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि शुरुआती रुकावट की रहते अब तक 6 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
प्रदर्शनकारी एक राजनीतिक वर्ग को उखाड़ फेंकने की मांग कर रहे हैं जिसे भ्रष्ट और विदेशी के लिए देखा जाता है रूचियाँ। सरकारी सुधार के वादों से असंतुष्ट वे अल्पविराम के रूप में देखते हैं, कई प्रदर्शनकारियों ने सविनय अवज्ञा रणनीति की ओर रुख किया है।