सऊदी अरब आतंकवाद विरोधी कानून में हुआ संशोधन, बंदियों को रिहा करने की मिली मंजूरी
नए संशोधन में सरकारी अभियोजन को आधिकारिक रूप अस्थायी रूप से बंदियों को रिहा करने की अनुमति मिल गई है।
रियाद, आइएएनएस। सऊदी अरब आतंकवाद विरोधी कानून में संशोधन किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, नए संशोधन में सरकारी अभियोजन को आधिकारिक तौर पर अस्थायी रूप से बंदियों को रिहा करने की अनुमति मिल गई है। गल्फ न्यूज ने रविवार को एक रिपोर्ट में कहा कि यह कदम मंत्रिपरिषद के फैसले के अनुरूप है, जो कानून में कुछ लेखों के संशोधन और विलोपन से संबंधित है।
अनुच्छेद 12 में किया गया संशोधन
एक शाही फरमान के अनुसार, कानून के अनुच्छेद 12 में संशोधन किया गया है, जिसके माध्यम से लोक अभियोजन विनियमन में उल्लिखित किसी भी अपराध में शामिल किसी भी बंदी को अस्थायी रूप से रिहा कर सकता है, बशर्ते कि यह जांच को नुकसान नहीं पहुंचाता है या कोई आशंका नहीं है कि हिरासत में फरार हो सकता है।
अनुच्छेद 9 को हटाया
इसके अलावा कार्यकारी बाईलाव के अनुच्छेद 9 को हटा दिया गया है। विशेष रूप से इसका मतलब है कि अनुच्छेद 12 में उल्लिखित सुरक्षा शर्तों को दूर किया गया है।
इस कानून में संशोधन ऐसे समय में हुआ है जब पूरी दुनिया चीन के वुहान से फैले कोरोना संकट से जूझ रहा है। इस वक्त इस वायरस से सऊदी अरब भी जूझ रहा है। यहां पर संक्रमित की संख्य़ा 1 लाख 58 हजार पहुंच चुकी है वहीं मरनेवालों की संख्या 1,267 पहुंच गई है। प्रत्येक दिन यहां पर संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। वैश्विक स्तर पर संक्रमितों का आंकड़ा 89 लाख 18 हजार 101 पहुंच गया है वहीं मरनेवालों की संख्या 4 लाख 66 हजार ,548 तक पहुंच गई है। पूरी दुनिया में सबसे अधिक प्रभावित देश अमेरिका है।
यहां पर सक्रमितों का आंकड़ा 21 लाख के पार पहुचं गया है वहीं मरनवालों की संख्या 1 लाख 20 हजार के पार पहुंच गई है। अमेरिका के बाद ब्राजील, रुस और भारत इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देश हैं। अगर दुनिया के चौथे सबसे ज्यादा संक्रमित देश भारत की बात करें तो यहा पर संक्रमितों का आंकडा 4 लाख 25 हजार के पार पहुंच गया है। यह पर भी तेजी से मामले प्रत्येक दिन बढ़ रहे हैं।