उ. सीरिया में रूसी वायुसेना की हवाई गश्त, प्रभुत्व को लेकर महाशक्तियों के बीच हो सकती है होड़
उत्तरी प्रांतों में विशेष वायु सेना गश्त कार्यों को अजांम देना शुरू कर दिया है। उत्तर सीरिया के कई मार्गों पर हवाई गश्त शुरू किया गया है।
अल तबका, एजेंसी । रूसी वायु सेना ने सीरिया के उत्तरी प्रांतों की हवाई गश्त शुरू कर दिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लीदिमीर पुतिन और उनके तुर्की में उनके समकक्ष रेसेप तैयप एर्दोगन के बीच हाल के वार्ता के बाद रूस ने यह कदम उठाया है। 22 अक्टूबर की हुई इस वार्ता में दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत सीरिया में कूर्द मिलिशिया की शांतिपूर्ण वापसी के लिए कई शर्ते सुनिश्चित की गई थी। इसमें उनको तुर्की सीमा से 30 किलोमीटर पीछे हटने का आदेश दिया गया था। रूस की इस हवाई गश्ती से मध्य एशिया में एक बार फिर महाशक्तियों का आखड़ा बन सकता है। रूस ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुर्की के राष्ट्रपति से फोन पर बात की और वाशिंगटन आने का न्यौता दिया।
उधर, रूसी सैन्य पायलट दिमित्री इवानोव ने संवाददाताओं को बताया कि हमने सीरिया के उत्तरी प्रांतों में विशेष वायु सेना गश्त कार्यों को अजांम देना शुरू कर दिया है। उत्तर सीरिया के कई मार्गों पर हवाई गश्त शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि 164-200 फीट की ऊंचाई पर दो हेलीकॉप्टर एक साथ उड़ान भर रहे हैं। रूसी पायलट के अनुसार गश्ती दल का मुख्य लक्ष्य यहां तैनात सेना पुलिस को सुरक्षा प्रदान करना है।
तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात करना और अमेरिका जाने के लिए हामी भरना कई सवाल खड़े करता है। कल तक तुर्की अमेरिका का जानी दुश्मन था। ऐसे में अमेरिकी नीतियों को लेकर कई सवाल एक साथ कई प्रश्न खड़ा करते हैं। पहला , वाशिंगटन की नीतियों में यह बदलाव क्यों आया। तुर्की के प्रति वाशिंगटन ने यह नरम रवैया क्यों अपनाया। क्या तुर्की अमेरिका के अनुकूल हो गया है या फिर कोई अन्य वजहें हैं। अमेरिका को यह अहसास हो गया है कि बिना तुर्की के अनुकूल हुए उत्तर सीरिया से अमेरिकी सेनाओं को नहीं हटाया जा सकता है।
तुर्की के प्रति अमेरिकी रुख में बदलाव अनायास नहीं
तुर्की को लेकर अमेरिका के दृष्टिकोंण में यह बदलाव अनायास नहीं है। दरअलस, उत्तर सीरिया से अमेरिका की नीतियों में काफी बदलाव आया है। उत्तर सीरिया से अमेरिका अपने सैनिकों को पूरी तरह से हटाना चाहता है। अमेरिका यह जान चुका है कि तुर्की को बिना पक्ष में लिए उत्तर सीरिया से अमेरिकी सैनिकों का वहां से हटाना असंभव है। हाल में तुर्की को समझाने कर हर प्रयास विफल रहा। अमेरिका ने तुर्की पर आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए। इतना ही नहीं अमेरिका ने युद्ध की धमकी दी। ट्रंप ने तो यहां तक कह दिया था कि तुर्की बाज नहीं आया तो भूगोल से उसका अस्त्तिव ही समाप्त हो जाएगा। ट्रंप प्रशासन को यह जल्द समझ में आ गया कि तुर्की पर मौजूदा अमेरिकी फाॅर्मूला काम करने वाला नहीं है। उसके आर्थिक प्रतिबंध और सैन्य धमकी बेअसर रही। इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने अपनी नीतियों में बदलाव आया।