Move to Jagran APP

पाकिस्‍तान को लगी मिर्ची, अनुच्‍छेद 370 पर सऊदी अरब ने दिखाया पाक को आइना, मोदी सरकार की कूटनीतिक जीत

पाकिस्‍तान ने भारत के खिलाफ अनुच्‍छेद 370 पर समर्थन हालिस करने के लिए सऊदी अरब से काफी कोशिश की थी। दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव भी पैदा हुआ। इस रिपोर्ट के बाद पाकिस्‍तान और सऊदी के बीच संबंधों में बड़ी दरार पैदा हो सकती है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 05:40 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 08:54 PM (IST)
पाकिस्‍तान को लगी मिर्ची, अनुच्‍छेद 370 पर सऊदी अरब ने दिखाया पाक को आइना। फाइल फोटो।

रियाद, एजेंसी। आखिर सऊदी अरब के एक प्रमुख अखबार ने ऐसा क्‍या लिख दिया कि पाक‍िस्‍तान हुकूमत को अखर गई। दरअसल, सऊदी अरब के प्रमुख अखबार सऊदी गजट ने कहा है कि भारत में जम्‍मू कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने के बाद मोदी सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं। जम्‍मू कश्‍मीर के युवकों ने इन योजनाओं पर सकारात्‍मक रुख दिखाया है। अखबार में कहा गया है कि घाटी के नौजवान नए भारत की प्रगति और संपन्‍नता का हिस्‍सा बनना चाहते हैं। बता दें कि सऊदी गजट सऊदी अरब का एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार है। गौरतलब है कि पाकिस्‍तान ने भारत के खिलाफ अनुच्‍छेद 370 पर समर्थन हालिस करने के लिए सऊदी अरब से काफी कोशिश की थी। इस मसले को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव भी पैदा हुआ। अब अखबार की इस ताजा रिपोर्ट के बाद पाकिस्‍तान और सऊदी के बीच संबंधों में बड़ी दरार पैदा हो सकती है। 

loksabha election banner

अनुच्‍छेद 370 को लेकर पाकिस्‍तान ने खो दिया अपना सच्‍चा साथी

  • गौरतलब है कि जब पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था बहुत बुरे दौर से गुजर रही थी उस वक्‍त सऊदी अरब उसकी मदद में आगे आया था। तंग पाकिस्‍तान को कोई देश कर्ज देने को तैयार नहीं था। ऐसे मौके पर सऊदी अरब ने तीन साल के लिए पाकिस्‍तान को 62 अरब डॉलर का कर्ज दिया था। इसमें तीन अरब डॉलर कैश और 32 अरब डॉलर तेल और गैस की आपूर्ति के रूप में मदद दी गई थी। पाकिस्‍तान ने कश्‍मीर मुद्दे पर सऊदी अरब की निंदा करके अपने पैरों पर कुल्‍हाड़ी मार ली थी। अनुच्‍छेद 370 को लेकर व अन्‍य कारणों से दोनों देशों के संबंध बेहद तल्‍ख हो गए।
  • हालांकि, सऊदी अरब और पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद का समृद्ध इतिहास रहा है। पाकिस्तानी मदरसों को सऊदी से पर्याप्त फंड मिलता है। पाकिस्तान ने जब 1998 में परमाणु परीक्षण किया तो सऊदी ने ही दुनिया के आर्थिक प्रतिबंधों के असर से उसे बचाया था। वर्ष 2014 में पाकिस्तानी रुपया जब बुरी तरह से टूटा तब भी सऊदी ने इस्लामाबाद को डेढ़ अरब डॉलर की मदद दी थी।
  • 2020 में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान जब पाकिस्तान दौरे में गए तब पाक पूरी तरह से गर्दिश में था। पाकिस्तान आर्थिक संकट में फंसा हुआ था। पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार इतना कम हो गया है कि वो तेल का आयात बिल भुगतान करने लायक भी नहीं बचा है। उस वक्‍त पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा महज आठ अरब डॉलर बची है। वर्ष 2019 में जब इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तब से पाकिस्तान खुद को डिफॉल्टर होने से बचाने की कोशिश कर रहा है। 
  • इस विवाद के बाद रियाद ने पाकिस्तान के लिए तेल और गैस आपूर्ति की सुविधा को खत्म कर दिया। इसके अलावा, सऊदी ने कर्ज अदायगी में भी किसी तरह की रियायत देने से साफ मना कर दिया। सऊदी अरब से लिए गए कर्ज की अवधि पूरी हो रही है और पाकिस्तान को ना चाहते हुए भी कर्ज चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

  • अनुच्‍छेद 370 व अन्‍य कारणों से पाकिस्‍तान और सऊदी अरब के संबंध इतने तल्‍ख हो गए कि उसने अपने कर्ज को वापस मांग लिया। इसके बाद पाकिस्‍तान ने चीन की शरण ली। पाकिस्‍तान के विदेशी मुद्रा भंडार की हालत पहले से ही खस्‍ता है, ऐसे में पाक के पास चीन से मदद मांगने के अलावा कोई विकल्‍प नहीं है।

भारत-पाक के बीच तनाव कम करने की सऊदी की पहल

मार्च 2021 में सऊदी अरब के उप विदेश मंत्री आदेल अल जुबैर ने कहा था कि उनका देश भारत और पाकिस्‍तान के तनाव को कम करने के लिए प्रयास कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि हमारा मुल्‍क पूरे इलाके में अमन और शांति चाहता है। आदेल ने कहा था कि हम इलाके में शांति लाने की कोशिश करते हैं। वह चाहे इजरायल और फ‍िलिस्‍तीनियों के बीच शांति का मामला हो या लेबनान और सीरिया, इराक, ईरान और अफगानिस्‍तान से जुड़ा तनाव हो। उन्‍होंने उस वक्‍त स्‍वीकार किया था कि हम भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव कम करने का प्रयास कर रहे हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.