भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह अपने ताजिक समकक्ष से मिले, दुशांबे में एससीओ बैठक के दौरान रक्षा सहयोग के विस्तार पर चर्चा
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) बैठक में अपने ताजिक समकक्ष शेरली मिर्जो से मुलाकात की इस दौरान दोनों देशों के राजनीतिकों बीच रक्षा सहयोग के विस्तार पर चर्चा हुई। उन्होंने एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक को भी संबोधित किया।
दुशांबे, एजेंसियां: भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) बैठक में अपने ताजिक समकक्ष शेरली मिर्जो से मुलाकात की, इस दौरान दोनों देशों के राजनीतिकों बीच रक्षा सहयोग के विस्तार पर चर्चा हुई। सिंह ने ट्वीट किया कि, ‘आज दुशांबे में ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल शेराली मिर्ज़ो के साथ एक उत्कृष्ट बैठक हुई। हमने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के विस्तार पर व्यापक चर्चा की गई’।
एससीओ बैठक को किया संबोधित
वहीं, राजनाथ सिंह ने दुशांबे में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक को भी संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर क्षेत्र बनाने और बनाए रखने में मदद करने के लिए एससीओ ढांचे के भीतर काम करने के भारत के संकल्प को एक बार फिर दोहराया।
आतंकवाद विश्व शांति के लिए खतरा
बैठक के दौरान सिंह आतंकवाद के मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा, आतंकवाद और आतंकवाद का समर्थन, जिसमें सीमा पार आतंकवाद भी शामिल है। वो किसी के द्वारा, कहीं भी और किसी भी मकसद से किया जाना मानवता के खिलाफ अपराध है। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने के लिए भारत के संकल्प की भी पुष्टि की।
250 करोड़ टीकों के उत्पादन का लक्ष्य
भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार सिंह ने कहा कि, भारत की 2021 के अंत तक 250 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन के उत्पादन करने की योजना है। हम कम से कम 90 करोड़ वयस्क भारतीयों का टीकाकरण करने और अन्य मित्रवत देशों की मदद करने के लिए संकल्पित हैं। सिंह ने एससीओ की स्थापना के 20 साल पूरे होने पर सदस्य-देशों को बधाई दी है। उन्होंने अफगानिस्तान में मौजूदा हालातों को लेकर कहा कि, भारत लगातार वहां के लोगों की मदद करता रहेगा, वहां दशकों से हिंसा और तबाही का माहौल रहा है। भारत ने अब तक अफगानिस्तान में कुल 500 परियोजनाएं पूरी की हैं और 3 अरब अमेरिकी डॉलर की कुल विकास सहायता के साथ कुछ और योजनाओं को जारी रखा है।