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कतर में 'कफाला' का खौफ खत्‍म, कतर में 21 लाख विदेशी श्रमिकों को मिलेगी राहत

Qatar pledges to end kafala कफाला के तहत कतर में काम करने वाले सभी विदेशी कामगारों को एक स्‍थानीय प्रायोजक की जरूरी होती है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 10:40 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 10:40 AM (IST)
कतर में 'कफाला' का खौफ खत्‍म, कतर में 21 लाख विदेशी श्रमिकों को मिलेगी राहत
कतर में 'कफाला' का खौफ खत्‍म, कतर में 21 लाख विदेशी श्रमिकों को मिलेगी राहत

कतर, एजेंसी । खाड़ी देश कतर Qatar ने आखिरकार अपने श्रमिक कानून में बड़ा संशोधन का संकेत दिया है। कतर जल्‍द ही अपने एक विवादास्‍पद श्रम प्रणाली 'कफाला' 'kafala' को समाप्‍त कर दिया जाएगा। 2022 में फटबॉल विश्‍व कम की मेजबानी करने वाला कतर का एक बड़ा श्रम सुधार बताया जा रहा है। इस कानून के खत्‍म हाेने श्रमिकों को बड़ी राहत मिलेगी। खासकर विदेशी श्रमिकों को। अंतरराष्‍ट्रीय श्रमिक संगठन का कहना है कि नया श्रमिक मसौदा कानून जनवरी 2020 से अमल में आएगा। के तहत नियाक्‍ताओं को स्‍वतंत्र रूप से बदलने में सक्षम होंगे। यह नया   ILO का कहना है कि श्रमिक मसौदा कानूनों के तहत नियोक्ताओं को स्वतंत्र रूप से बदलने में सक्षम होंगे, जिसका वर्णन "जनवरी 2020 तक लागू होने की उम्मीद है।"

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कतर के श्रम मंत्री इस्‍सा अल जफाली अल नुएमी ने कहा कि कफाला नियमों को 13 दिसंबर से कर दिया जाएगा। इसकी जगह कतर में काम करने वाले 21 लाख विदेशी श्रमिका के लिए कॉन्ट्रैक्ट व्‍यवस्‍था का प्रयोग में लाई जा रही है।

कफाला के कठोर नियम

1- दरअसल, कफाला के तहत कतर में काम करने वाले सभी विदेशी कामगारों को एक स्‍थानीय प्रायोजक की जरूरी होती है। यह कोई वहां का स्‍थानीय व्‍यक्ति हो सकता है या कोई कंपनी का भी कर्मचारी हो सकता है। इसके इसके तहत कामगार को नौकरी बदलती है तो इस प्रायोजक से अनुमति लेनी पड़ती है। 

2- किसी भी कामगार को नाैकरी में बदलाव करना है तो उसे प्रायोजक से अनुमति लेनी पड़ती है। नए कानून के तहत कामगार नियाक्‍ताओं को स्‍वतंत्र रूप से बदलने में सक्षम होंगे।  21वीं सदी में यह एक कानून अप्रसांगिक था। इसे गुलामी का कानून कहा जाता है। कतर में कामगारों के अधिकारों का संरक्षण नहीं था। इसके चलते उनका उत्‍पीड़न होता था।


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