स्वेज नहर में कार्गो शिप अटकने के पीछे तकनीकी या मानवीय भूल संभव, 320 जहाज जलमार्ग से निकलने का कर रहे इंतजार
कंटेनरों से लदा एमवी एवर गिवन नामक विशालकाय मालवाहक जहाज स्वेज नहर में बीते पांच दिनों से फंसा हुआ है। इसके चलते जलमार्ग में लंबा ट्रैफिक जाम लग गया है। 320 जहाज यहां से निकलने का इंतजार कर रहे हैं।
काइरो, एजेंसियां। मिस्र की स्वेज नहर में विशालकाय मालवाहक जहाज के अटकने के पीछे तकनीकी या मानवीय त्रुटि हो सकती है। स्वेज नहर प्राधिकरण के प्रमुख ओसामा रैबी ने शनिवार को यह बात कही। कंटेनर शिप के फंसने से स्वेज नहर से पांच दिनों से आवागमन बंद है। 320 से अधिक जहाज इस जलमार्ग से निकलने का इंतजार कर रहे हैं। अमेरिका ने मिस्त्र को मदद की पेशकश की है, जिसका रैबी ने स्वागत किया है। मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली ने घटना को अप्रत्याशित बताया है।
यहां प्रेस कांफ्रेंस में रैबी ने कहा कि नहर में कंटेनर शिप के फंसने की मुख्य वजह तेज हवा या खराब मौसम नहीं है। इसकी मुख्य वजह तकनीक या मानवीय त्रुटि हो सकती है। पहले बताया गया था कि लाल सागर से स्वेज नहर में प्रवेश करते समय कंटेनर शिप तेज हवा और खराब मौसम के कारण आड़ा-तिरछा होकर फंस गया था।
यह पूछे जाने पर कब तक जहाज को निकाल लिया जाएगा, रैबी ने कहा कि यह इस पर निर्भर करता है कि जहाज पर हवा का क्या प्रभाव पड़ता है। इस अभियान में 10 शक्तिशाली नौकाओं की मदद ली जा रही है। जहाज के बड़े आकार और उस पर बड़ी संख्या कंटेनर लदे होने की वजह से परेशानी आ रही है। ज्वार आने के बाद पानी का स्तर कम होने पर जहाज को निकालने की योजना बनाई गई है। स्वेज नहर बंद होने से मिस्त्र को प्रतिदिन करीब एक अरब रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
फुटबाल के चार मैदान के बराबर है जहाज का आकार
एमवी एवर गिवन नामक यह जहाज मंगलवार से ही नहर में फंसा हुआ है। इसकी लंबाई 1,300 फीट या फुटबाल के चार मैदान के बराबर है। इस पर बड़ी संख्या में कंटेनर लदे हैं। यही कारण है कि कंटनरों को उतारकर जहाज को निकालने का अभी प्रयास नहीं किया जा रहा है।