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पाकिस्तान ने तालिबान के कब्जे वाली अफगानिस्तानी सीमा को फिर से खोला, अफगान ट्रांजिट व्यापार फिर शुरू

पाकिस्तान ने सोमवार को अफगानिस्तान के साथ एक प्रमुख सीमा को फिर से खोल दिया है। वर्तमान स्थिति में अफगान के तरफ ये सीमा तालिबान के नियंत्रण में है। सीमा खोले जाने के बाद मालवाहक 100 से अधिक ट्रकों को दूसरी तरफ जाने की अनुमति दी गई है।

By Amit KumarEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 11:00 PM (IST)
पाकिस्तान ने तालिबान के कब्जे वाली अफगानिस्तानी सीमा को फिर से खोला, अफगान ट्रांजिट व्यापार फिर शुरू
Pakistan reopens Afghanistan border crossing held by Taliban

क्वेटा, रॉयटर्स: पाकिस्तान ने सोमवार को अफगानिस्तान के साथ एक प्रमुख सीमा को फिर से खोल दिया है। वर्तमान स्थिति में अफगान के तरफ ये सीमा तालिबान के नियंत्रण में है। पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक सीमा खोले जाने के बाद मालवाहक 100 से अधिक ट्रकों को दूसरी तरफ जाने की अनुमति दी गई है। दरअसल, इस महीने की शुरुआत में तालिबान विद्रोहियों और अफगान सुरक्षा बलों के बीच क्रॉसिंग पर नियंत्रण के लिए, भीषण लड़ाई के बाद से ही चमन-स्पिन बोल्डक क्रॉसिंग जो अफगानिस्तान के लिए एक प्रमुख बंदरगाह है, उसे वाणिज्यिक यातायात के लिए पाकिस्तान के तरफ बंद कर दिया गया था।

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अफगान ट्रांजिट व्यापार फिर शुरू

पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि, पाकिस्तान ने आज चमन में अफगानिस्तान के साथ अपनी सीमा को फिर से खोल दिया है। जिसके बाद अफगान ट्रांजिट व्यापार को फिर से शुरू कर दिया है, जो पिछले एक महीने से निलंबित था। उन्होंने बताया की ये रास्ता हफ्ते में छह दिन खुला रहेगा। वहीं, अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की देखरेख करने वाले जनरल केनेथ मैकेंजी ने रविवार को काबुल में संवाददाताओं को बताया कि, स्पिन बोल्डक एक महत्वपूर्ण स्थान है और अफगानी सरकार इस पर नियंत्रण हासिल करने की लगातार कोशिश कर रही है।

पाक-अफगान के संबंधों में गिरावट

बीते हफ्तों में पड़ोसी देश अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तेज गिरावट आई है। काबुल बार-बार पाकिस्तान पर तालिबान का समर्थन करने का आरोप लगाता रहा है, जिसे इस्लामाबाद ने जड़ से खारिज किया है। वहीं, गुजरे दिनों इस्लामाबाद में अफगान राजदूत की बेटी के अपहरण की घटना के बाद अफगानिस्तान ने पाकिस्तान से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है।

अमेरिका हर संभव मदद के लिए तैयार

अमेरिका द्वारा अप्रैल में सेनाओं की वापसी कि, घोषणा के बाद से ही तालिबान ने अफगान में आतंकी गतिविधियां तेज कर दी थीं। यहां से 31 अगस्त तक विदेशी सेनाएं पूरी तरह से वापस हो जाएंगी। वाशिंगटन ने अपने एक बयान में कहा है कि, वो विद्रोही हमलों का सामना कर रहे अफगान बलों का समर्थन करने के लिए हवाई हमले करना जारी रखेगा। अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता पिछले साल सितंबर में शुरू होने के बाद से प्रगति करने में विफल रही है।


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