ओसामा के बेटे हजमा से सहमा अमेरिका: सऊदी ने छिनी नागरिकता, US ने रखा बड़ा इनाम
सऊदी अरब ने हमजा बिन लादेन की नागरिकता छीन ली है। अमेरिकी सरकार द्वारा शुक्रवार को हमजा पर 10 लाख डॉलर का इनाम घोषित किए जाने के बाद सऊदी ने यह कदम उठाया।
बेरूत [ एजेंसी ]। सऊदी अरब ने हमजा बिन लादेन की नागरिकता छीन ली है। अमेरिकी सरकार द्वारा शुक्रवार को हमजा पर 10 लाख डॉलर का इनाम घोषित किए जाने के बाद सऊदी ने यह कदम उठाया। अमेरिका ने दो वर्ष पूर्व हमजा को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। बता दें हमजा आतंकी संगठन अल-कायदा का सरगना रहा ओसामा बिन लादेन का बेटा है। आतंकी ओसामा बिन लादेन को 2 मई, 2011 को अमेरिकी सेना ने ऑपरेशन नेप्च्यून स्पीयर अभियान में मार गिराया था।
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार हमजा बिन लादेन अल-कायदा का एक उभरता हुआ नेता है। अलकायदा के सरगना रहे ओसामा बिन लादेन का बेटा हमजा इन दिनों अपने पिता की मौत का बदला लेने की साजिश रच रहा है। वह अमेरिका और उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमलों की साजिश रच रहा है। हमजा हमले की चेतावनी वाला वीडियो पोस्ट कर रहा है। अमेरिका ने हमजा लादेन पर 10 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर दिया है।
अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा है कि अल-कायदा का सरगना हमजा बिन लादेन संभावित रूप से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बॉर्डर पर है और ईरान जा सकता है। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार ओसामा के ठिकाने से जब्त की गई वस्तुओं यह संकेत मिलता है कि हमजा को अल-कायदा के नेता के रूप में स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि हमजा की शादी मोहम्मद अत्ता की बेटी से हुई है, जो वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर सितंबर 2001 में हुए हमलों में मुख्य अपहरणकर्ता थी।
अमेरिकी अधिकारी नाथन सेल्स ने कहा कि अलकायदा पिछले कुछ समय से शांत है, लेकिन यह केवल रणनीतिक चुप्पी है न कि आत्मसमर्पण। कोई गलती न करें। अलकायदा के पास हम पर हमला करने की क्षमता और इरादा दोनों ही हैं। बता दें कि अमेरिकी नेवी सील ने पाकिस्तान के ऐबटाबाद में एक हवाई हमला करके ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। हाल ही में भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी ओसामा बिन लादेन का जिक्र किया था।
बता दें कि हमजा बिन लादेन ओसामा की उन तीन जिंदा बची तीन बीवियों में से एक का बेटा है, जो अमेरिकी अटैक के वक्त उसके साथ ऐबटाबाद में रह रही थीं। हमजा की पत्नी मिस्र की नागरिक है। ओसामा बिन लादेन के मरने के बाद से उसकी पत्नियां और बच्चे सऊदी अरब लौट गए थे, जहां उन्हें पूर्व शहजादे मोहम्मद बिन नायेफ ने शरण दी थी।