मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में उत्तर कोरिया ने अमेरिका को चेताया
उत्तर कोरिया ने कहा है कि कोरियाई प्रायद्वीप में पहले से ही तनाव व्याप्त है ऐसे में अमेरिका का यह बयान आग में घी का काम करेगा।
सियोल, एजेंसी । उत्तर कोरिया में मानवाधिकार की स्थिति पर अमेरिकी विदेश विभाग की चिंता पर प्योंगयांग ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उत्तर कोरिया ने कहा है कि कोरियाई प्रायद्वीप में पहले से ही तनाव व्याप्त है, ऐसे में अमेरिका का यह बयान आग में घी का काम करेगा। प्योगयांग ने जोर देकर कहा है कि अमेरिका के इस दृष्टिकोण से दोनों देशों के बीच और तनाव बढ़ेगा। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस सप्ताह प्योंगयांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा की थी। महासभा का कहना था कि के उत्तर कोरिया में लंबे समय से मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी उत्तर कोरिया को राजनीतिक दमन के लिए और दशकों से परमाणु हथियारों के कार्यक्रम को प्राथमिकता देने के लिए निंदा की थी। इसके बाद अमेरिका ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) के अनुसार उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि प्योंगयांग के मानवाधिकार रिकॉर्ड की निंदा करना कोरियाई प्रायद्वीप पर पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और बद्तर कर देगा। केसीएनए ने कहा कि उत्तर कोरिया की यह प्रतिक्रिया मानवाधिकार की स्थिति पर अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी द्वारा व्यक्त की गई चिंता के जवाब में था।
फरवरी में वियतनाम की राजधानी हनोई में उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच हुए शिखर सम्मेलन की विफलता के बाद दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत में गतिरोध उत्पन्न हो गया है। उत्तर कोरिया ने कहा है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका ने क्रिसमस का तोहफा देने का भी वादा किया था अगर अमेरिका साल के अंत तक रियायतें नहीं देता है तो इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। प्योंगयांग ने कहा है कि यदि वाशिंगटन इस दिशा में विफल रहता है तो प्योंगयांग दूसरे रास्ते अख्तियार करेगा। इसके बाद से उत्त्र कोरिया ने अपने मिसाइल कार्यक्रम को पुन: शुरू कर दिया। इसके बाद से परीक्षणों की एक श्रृंखला शुरू हो गई। उत्तर कोरिया ने प्रतिबंधों के बावजूद कई परीक्षण किए हैं।