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Photos: बला की खूबसूरत ही नहीं, दुश्मन के लिए वास्तव में काल है ये महिला बिग्रेड

इन महिला सैनिकों का नाम दुनिया की सबसे खतरनाक योद्धाओं में शामिल है। साथ ही इनकी गिनती दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला सैनिकों में भी होती है। Photos से जानें इनकी पूरी कहानी।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 05:35 PM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2019 04:01 PM (IST)
Photos: बला की खूबसूरत ही नहीं, दुश्मन के लिए वास्तव में काल है ये महिला बिग्रेड
Photos: बला की खूबसूरत ही नहीं, दुश्मन के लिए वास्तव में काल है ये महिला बिग्रेड

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भारत-समेत दुनिया भर में नारी सशक्तिकरण और महिलाओं की बराबरी एक बड़ा मुद्दा है। दुनिया के बहुत से देशों में आज भी महिलाओं को कुछ खतरनाक सेवाओं में पुरुषवादी मानसिकता की वजह से नहीं रखा जाता है। दूसरी तरफ महिला कमांडो का ये दस्ता, आतंकियों के मुख्य गढ़ में उनके दांत खट्टे कर रहा है। इन खूबसूरत योद्धाओं का नाम दुनिया की सबसे खतरनाक योद्धाओं में शामिल है।

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इन महिला कमांडो का नाम कुर्द लड़ाकों में शामिल है। इन्हें सीरिया के सीमावर्तनी इलाकों में इस्लामिक स्टेट (IS) के खिलाफ मोर्चे पर तैनात किया गया है। इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से मुकाबला करने के लिए इन्हें गर्म व पथरीले रेगिस्तान में युद्ध की सबसे कठिन ट्रेनिंग दी जाती है।

किसी भी तरह का मुकाबला करने के लिए इन महिला कमांडो को हर तरह के हथियार और गोला-बारूद का प्रशिक्षण दिया गया है। इराक की ये बहादुर कुर्दिश महिलाएं, कुर्दिश पेशमेर्गा फाइटर्स में शामिल हैं। इराक के बर्लिन में इन्हें सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। आईएस लड़ाकों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि कुर्द दस्ते की ये लड़कियां उन पर इस कदर भारी पड़ेंगी। इन कुर्द लड़कियों ने चरमपंथियों के दांत खट्टे कर दिए हैं।

इस्लामिक स्टेट का मुकाबला करने के लिए अमेरिका और जर्मनी भी इन कुर्द लड़ाकों को कई तरह के प्रशिक्षण दे चुका है। अलग-अलग देशों से आयी सारी लड़कियां अलग कुर्दिस्तान देश का सपना देखती हैं। कुछ महीनों की ट्रेनिंग के बाद इन्हें अलग-अलग फ्रंट पर आईएस लड़ाकों से मुकाबला करने के लिए भेजा जाता है।

मोसुल को आईएस फ्री बनाने में इन खूबसूरत बालाओं ने थाम लिए हथियार

प्रशिक्षण के दौरान इन जांबाजों को एक गीत बार-बार सुनाया और याद कराया जाता है, जिसके बोल हैं 'प्यारी मां, मेरे लिए आंसू मत बहाना। मैं मातृभूमि पर मिटने के लिए तैयार हूं। मैं दुश्मन को मिटाने जा रही हूं।' इस गीत का इस्तेमाल इन लड़कियों में देशभक्ति और बलिदान की भावना पैदा करने के लिए किया जाता है।

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कुर्द, एक विवादास्पद इलाका है, जो इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से तो लड़ रहा है। ईरान, सीरिया और तुर्की सीमावर्ती इलाकों में कुर्द आबादी को अपने लिए खतरा मानते हैं। इन महिलाओं का कहना है कि कुर्दिस्तान एक है। उन्होंने इलाके के सारे कुर्दों की हिफाजत के लिए हथियार उठाए हैं।

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कुर्द की इन महिला लड़ाकों ने बताया कि वह दो मोर्चे पर लड़ रही हैं। पहला दुश्मन और दूसरा यौन हिंसा। कुर्द लड़ाके महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव नहीं करते हैं। महिला कुर्द लड़ाका कहती हैं कि वह किसी से कमजोर नही हैं। वह किसी भी परिस्थिति में और कहीं भी लड़ सकती हैं।

ईरान से सैन्य ट्रेनिंग के लिए इराक पहुंचने वाली इन कुर्द महिला योद्धाओं की आयु 18 से 25 वर्ष के बीच है। इनमें से ज्यादातर लड़कियों ने विश्वविद्यालय से स्नातक किया है। इन्हीं में से एक 20 वर्षीय हाजा, सीरिया की रहने वाली हैं।

वह बताती हैं कि सीरिया में उनके इलाके सिंजर में इस्लामिक स्टेट ने कब्जा कर लिया था। इस हमले से खीझकर ही उन लोगों ने आईएस का मुकाबला करने का निर्णय लिया है।

इन महिला योद्धाओं का आईएस लड़ाकों में कितना खौंफ है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फेशमेर्गा स्थित इनका ट्रेनिंग कैंप इस्लामिक स्टेट के प्रभाव वाले इलाके से महज 800 मीटर दूर है। बावजूद आईएस लड़ाके इनके कैंप के आसपास भी नहीं फटकते हैं।

गोलियां की आवाज और बम धमाकों के बीच दुनिया की ये सबसे खतरनाक महिला सैनिक कुछ ऐसे पल भी निकाल लेती हैं, जब इनके चेहरे पर मुस्कुराहट दिखाई दे जाती है।

तनाव के इन मुश्किल पलों में भी इन खूबसूरत योद्धाओं की एन्ज्वॉय करती फोटो अक्सर सोशल मीडिया पर दिख जाती है।

दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के लड़ाके इसलिए भी इन महिला योद्धाओं से डरते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यदि इनकी मौत किसी महिला सैनिक के हाथों हुई तो उन्हें जन्नत नहीं मिलेगी।

 

2017 में आईएस ने इन्हीं कुर्द लड़ाकों में शामिल एक 23 वर्षीय लड़की जोआना पलानी को मारने पर 10 लाख डॉलर का ईनाम रखा था। इस लड़की ने अकेले आईएस के 100 से ज्यादा आतंकियों को ठिकाने लगाया है। कुर्दिश मूल की डैनिश महिला पलानी ने 2014 में पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद वह आईएस के खिलाफ जंग में उतर गई।

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