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नेतन्‍याहू सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग, पीएम आवास के सामने हुआ प्रदर्शन

इजराइली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन ऐसे वक्‍त हो रहा है जब कोरोना महामारी से निपटने के लिए दिशा निर्देशों को और सख्‍त कर दिया गया है। बता दें कि नेतन्‍याहू सरकार के खिलाफ अगस्‍त में एक बड़ी रैली का आयोजन भी हो चुका है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 09:50 AM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 09:50 AM (IST)
नेतन्‍याहू सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग, पीएम आवास के सामने हुआ प्रदर्शन
नेतन्‍याहू के आधिकारिक आवास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। (फाइल फो) स्रोत-दैनिक जागरण

जेरूसलम , एजेंसी । प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ लोगों को गुस्‍सा शांत नहीं हो रहा है। शनिवार को नेतन्‍याहू के आधिकारिक आवास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। इजराइली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन ऐसे वक्‍त हो रहा है, जब कोरोना महामारी से निपटने के लिए दिशा निर्देशों को और सख्‍त कर दिया गया है। बता दें कि नेतन्‍याहू सरकार के खिलाफ अगस्‍त में एक बड़ी रैली का आयोजन भी हो चुका है। सरकार विरोधी प्रदर्शनों की शुरुआत के बाद से यह राजधानी में आयोजित की जाने वाली सबसे बड़ी रैली थी। रिपोर्टों के अनुसार कुछ 10,000 लोगों ने प्रधानमंत्री के निवास पर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। 

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 नेतन्याहू के आवास के बाहर हुआ प्रदर्शन

तटीय शहर कैसरिया में नेतन्याहू के निजी घर के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया। आक्रोशित लोगों ने शहर के प्रमुख राजमार्गों पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने दूसरें शहरों को जोड़ने वाले पुलों और जक्‍शनों पर जाम लगा दिया। इसके चलते आवागमन पूरी तरह से ठप पड़ गया। प्रदर्शन में शामिल कई प्रदर्शनकारी हालांकि शारीरिक दूरी के नियम को नजरंदाज किया गया। प्रदर्शनकारियों से कहा गया था कि वे छोटे-छोटे समूहों में रहें। उनकी मांग है कि नेतन्याहू अपने पद से इस्तीफा दे दें, क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में सुनवाई चल रही है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक इमारत पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा कि आपका समय समाप्त हो गया है। इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने इस्राइली झंडे लहराए और नेतन्याहू को इस्तीफा देने के लिए भी कहा। 

27 फीसद इजरायलियों ने नेतन्याहू पर भरोसा किया

बुधवार को इजराइल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित एक सर्वेक्षण के अनुसार केवल 27 फीसद इजरायलियों ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए नेतन्याहू पर भरोसा किया। इजराइल सरकार ने मार्च में कोरोना के प्रसार को सीमित करने के लिए पहला लॉकडाउन लगाया और फिर मई में इसे शिथिल कर दिया गया, क्योंकि कोरोना के नए मामले आना बंद हो गए। हाल में इजराइल में दोबारा से कोरोना वायरस सकंमण का संकट बढ़ा है। नए मामलों की संख्‍या में वृद्धि हुई है। 90 लाख की आबादी में 7हजार नए मामले सामने आए हैं। कोरोना महामारी के कारण देश के आर्थिक हालात बदतर हुए हैं। देश में मंदी और बेरोजगारी की दर में इजाफा हुआ है।    


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