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पुराने यरुशलम शहर के समीप इजरायली पुलिस ने निहत्थे फलस्तीनी को मारी गोली, मौत

इजरायल के पुराने यरुशलम शहर के समीप पुलिस ने शनिवार को एक फलस्तीन नागरिक को गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 05:25 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 05:25 PM (IST)
पुराने यरुशलम शहर के समीप इजरायली पुलिस ने निहत्थे फलस्तीनी को मारी गोली, मौत
पुराने यरुशलम शहर के समीप इजरायली पुलिस ने निहत्थे फलस्तीनी को मारी गोली, मौत

 यरुशलम, एपी। इजरायल के पुराने यरुशलम शहर के समीप पुलिस ने शनिवार को एक फलस्तीन नागरिक को गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस को संदेह था कि उसके पास कोई हथियार है, लेकिन जांच में वह निहत्था पाया गया।पुलिस ने बताया कि वह कोई संदिग्ध सामान ले जा रहा था, जो पिस्टल जैसे हथियार की तरह प्रतीत हो रहा था। उसे रुकने को कहा गया, लेकिन वह भागने लगा। इस पर उसका पीछा किया गया और गोली चला दी गई। 

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फलस्तीनी की पहचान 32 वर्षीय इयाक हलाक के रूप में हुई 

पुलिस प्रवक्ता मिकी रोसेनफील्ड ने कहा कि इलाके से कोई बंदूक बरामद नहीं हुई। पुलिस कार्रवाई में मारे गए फलस्तीनी की पहचान 32 वर्षीय इयाक हलाक के रूप में हुई। इयाक के एक रिश्तेदार ने बताया कि वह मानसिक रोगी था और समीप के एक स्कूल गया था। इस घटना के एक दिन पहले इजरायली सैनिकों ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक इलाके में एक फलस्तीन नागरिक को मौत के घाट उतार दिया था। सैनिकों ने यह दावा किया था कि वह अपने वाहन से उन्हें रौंदने का प्रयास कर रहा था। गाजा पट्टी में इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ)  आम तौर पर हमास के आतंकी ठिकानों पर रॉकेट दागते रहते हैं। इसका मकसद हमास इस्‍लामी आंदोलन पर प्रहार करना होता है। 

लंबे समय से संघर्षरत हैं इजरायल और फलस्तीन

ज्ञात हो कि इजरायल और फलस्तीन कई दशकों से एक दूसरे से संघर्षरत हैं। इजरायल यहूदी बहुल देश है जबकि फलस्तीन, गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में अरब आबादी बहुतायत में है। इजरायल को अमेरिका को राजनीतिक और आर्थिक मदद मिलती है जबकि फलस्तीन को अरब देशों और दूसरे मुस्लिम मुल्कों का समर्थन हासिल है। गाजा पट्टी के नियंत्रण में एक फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास इजरायल के साथ एक लंबे समय तक संघर्षरत रहा है। इजरायल अभी भी फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राजनीतिक और राजनयिक इकाई के रूप में मान्यता देने से इनकार करता है।

वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में बनाई गई बस्तियों को दी थी मान्यता 

पिछले साल नवंबर महीने में डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की नीति को पलटते हुए इजरायल के वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में बनाई गई बस्तियों को मान्यता दे दी है। विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा था कि अमेरिका अब वेस्ट बैंक में इजरायली बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के तौर पर नहीं देखता है। उन्होंने कहा कि वेस्ट बैंक हमेशा से इजरायल और फलस्तीन के बीच विवाद का कारण रहा है। इन बस्तियों को बार-बार अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कहा गया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ है। यही वजह रही कि इस दौरान शांति की भी किसी तरह की कोशिशें नहीं हुई।

ट्रंप प्रशासन शांति के लिए उठा चुका है कई कदम 

इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने 2017 में यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता दी थी। इसके साथ ही मार्च 2018 में अपना दूतावास यरुशलम में स्थानांतरित कर दिया था। मार्च 2019 में उसने विवादास्पद गोलन हाइट्स को इजरायल के अधिकृत क्षेत्र के तौर पर मान्यता दे दी थी। फलस्तीन के मुताबिक वेस्ट बैंक में बनी 135 बस्तियों और 100 अवैध चौकियों में लगभग चार लाख लोग रहते हैं, जबकि यहां पर फलस्तीनी लोगों की संख्या लगभग 26 लाख है।


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