यहूदी यात्रा शुरू होने के बीच इजरायली पुलिस ने तनावपूर्ण पवित्र स्थल में किया प्रवेश
यहूदी यात्रा शुरू होने के बाद फिर से इजरायली पुलिस और फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। इस झड़प की वजह से कई प्रदर्शनकारियों को चोटें आई है जिसे अस्पताल ले जाया गया। यात्रा फिर से शुरू होने के बाद 600 यहूदियों द्वारा परिसर का दौरा किया जा चुका है।
यरुशलम,एपी। इजरायली पुलिस गुरुवार को फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए यरुशलम के पवित्र स्थल में प्रवेश कर गई। दरअसल, मुस्लिम छुट्टियों की वजह से यहूदी समुदाय की यात्राएं रुकी हुई थी। पुलिस की कोशिश थी कि फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों को अल-अक्सा मस्जिद से हटाया जाए, ताकि यहूदी समुदाय के लोग प्राथना कर सकें। जैसे ही यात्राएं फिर से शुरू हुईं, दर्जों फलीस्तीनी इकट्ठा होकर 'ईश्वर महान है' का नारा लगाने लगे। इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। वहीं, पुलिस को मस्जिद के अंदर प्रवेश करते देखा गया।
पत्थरबाजों को दिया गया जवाब
पुलिस के मुताबिक, पथराव करने वाले दर्जनों लोगों पर कार्रवाई की गई और एक पुलिस अधिकारी मामूली रूप से घायल हो गए। फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट आपातकालीन सेवा ने जानकारी दी है कि फिलिस्तीनी लोगों को डंडों से पीटे जाने के बाद अस्पताल ले जाया गया। पवित्र स्थल पर मौजूद फिलिस्तीनी गवाहों ने बताया कि शुरू में पत्थरबाजी के कोई संकेत नहीं मिले लेकिन मस्जिद में मौजूद कुछ लोगों ने अचानक पत्थरबाजी शूरू कर दी। जब इजरायली पुलिस मस्जिद परिसर में दाखिल होने लगी तो कुछ लोगों ने आपत्ति भी जाहिर की।
600 यहूदियों ने क्या परिसर का दौरा
इस पवित्र स्थल के संचालक, इस्लामिक एंडामेंट ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि यात्रा फिर से शुरू होने के बाद लगभग 600 यहूदियों द्वारा परिसर का दौरा किया जा चुका है। मध्याह्न तक स्थिति फिर से शांत हो गई है। बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में अल-अक्सा मस्जिद परिसर में कई दौर की झड़पें देखी गई हैं। यह मस्जिद मुसलमान समुदाय के लिए तीसरा सबसे पवित्र स्थल है। गौरतलब है कि यह यहूदियों के लिए भी सबसे पवित्र स्थल है। यह जगह इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का भावनात्मक केंद्र है। इस स्थल को टेम्पल माउंट के नाम से भी जाना जाता है।
यहूदियों को पवित्र स्थल पर जाने की है अनुमति
स्थल पर कायम अनौपचारिक व्यवस्था के तहत, यहूदियों को पवित्र स्थल पर जाने की अनुमति है, लेकिन वहां प्रार्थना नहीं की जाती है। पिछले कुछ सालों में, उन्होंने पुलिस सुरक्षा के साथ बढ़ती संख्या में दौरा किया है और कई लोगों ने सावधानी से प्रार्थना की है। यहूदियों की यात्रा की वजह से फिलिस्तीनियों के साथ-साथ पड़ोसी देश जार्डन भी नाराज है। बता दें कि जार्डन भी इस पवित्र स्थल का संरक्षक है। फिलिस्तीनियों को लंबे समय से डर रहा है कि इजराइल अंततः इस स्थान पर कब्जा करने या इसे विभाजित करने की योजना बना रहा है।