इराक ने दिखाई प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के प्रति एकजुटता, निकाले गए जुलूस
सरकार विरोधी प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए रविवार को समूचे इराक में जुलूस निकाले गए।
मोसुल, एएफपी। सरकार विरोधी प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए रविवार को समूचे इराक में जुलूस निकाले गए। सुन्नी बहुल इलाके में भी इस तरह के जुलूस देखे गए जबकि पहले इन इलाकों के लोग इस तरह के आयोजन में शामिल नहीं होते थे। प्रदर्शनकारी गत अक्टूबर से सरकार की बर्खास्तगी की मांग को लेकर राजधानी बगदाद और शिया बहुल इलाकों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार भ्रष्ट और अक्षम होने के साथ ही विदेशी शक्तियों के इशारे पर काम कर रही है।
पीएम के इस्तीफे की घोषणा के बाद भी नहीं घट रही हिंसा
देश में अब तक प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई में 420 लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा की घटनाएं नहीं थमने पर प्रधानमंत्री अदेल अब्देल महदी ने बीते शुक्रवार को संसद को इस्तीफा सौंपने की घोषणा कर दी थी। उनके इस्तीफे पर विचार के लिए संसद का सत्र बुलाया गया है। मुल्क में पिछले कुछ दिनों में हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
जुलूस में सैकड़ों छात्रों ने हिस्सा लिया
इनमें बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने के बाद इराक के सभी प्रांतों में प्रदर्शनकारियों के पक्ष में एकजुटता देखी जा रही है। मोसुल के एक विश्वविद्यालय में निकाले गए जुलूस में सैकड़ों छात्रों ने हिस्सा लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा, लोग अपने मूल अधिकारों के बारे में पूछ रहे हैं। सरकार को इसका जवाब देना होगा। इराकी झंडा लिए एक छात्र ने कहा कि समूचा देश राजनीतिक तौर पर एक है।
पुलिस अधिकारी को सुनाई मौत की सजा
प्रदर्शनकारियों की हत्या का दोषी ठहराते हुए इराकी अदालत ने एक पुलिस अधिकारी को मौत की सजा सुनाई। दो महीनों से चल रहे प्रदर्शन के दौरान किसी पुलिसवाले को दी गई यह पहली सजा है। दो नवंबर को दक्षिणी शहर में सात प्रदर्शनकारियों की मौत के मामले में पुलिस प्रमुख को सजा दी गई है।