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परमाणु ठिकानों के भीतर की तस्वीरें आइएईए को नहीं देगा ईरान, अमेरिका के सामने रखी यह शर्त

ईरान की संसद के स्पीकर ने साफ किया है कि देश के परमाणु ठिकानों के भीतर की तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) को नहीं दी जाएंगी। क्योंकि दोनों के बीच हुआ समझौता अब खत्म हो चुका है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 08:38 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 08:38 PM (IST)
परमाणु ठिकानों के भीतर की तस्वीरें आइएईए को नहीं देगा ईरान, अमेरिका के सामने रखी यह शर्त
ईरान ने कहा है कि देश के परमाणु ठिकानों के भीतर की तस्वीरें आइएईए को नहीं दी जाएंगी।

दुबई, रायटर। ईरान की संसद के स्पीकर ने साफ किया है कि देश के परमाणु ठिकानों के भीतर की तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) को नहीं दी जाएंगी। क्योंकि दोनों के बीच हुआ समझौता अब खत्म हो चुका है। स्पीकर मुहम्मद बाकर कालीबाफ ने कहा, ईरान और संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के बीच समझौता खत्म हो गया है, उसे किसी भी तरह की सूचना नहीं दी जाएगी। जो जानकारियां और तस्वीरें रिकॉर्ड हो गई हैं, ईरान उन्हें अपने पास रखेगा।

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इस बयान के बाद ईरान और छह शक्तिशाली देशों के बीच चल रही वार्ता में गतिरोध पैदा होने की आशंका है। 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समझौते से हट जाने और ईरान पर प्रतिबंध लगाने से 2015 में हुआ परमाणु समझौता खटाई में पड़ गया था। इस समझौते में ईरान के साथ अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी शामिल हैं। राष्ट्रपति पद पर जो बाइडन के आने पर अमेरिका ने फिर से इस समझौते में शामिल होने की इच्छा जताई।

इसी के बाद अप्रैल में विएना में ईरान के साथ वार्ता शुरू हुई। लेकिन ईरान समझौते के लिए आगे बढ़ने से पहले खुद पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को हटवाना चाहता है। अमेरिका फिलहाल इन प्रतिबंधों को तत्काल हटाने के लिए तैयार नहीं है। ईरानी संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी मामलों से संबंधित समिति के प्रवक्ता ने कहा है कि अगर अमेरिकी प्रतिबंध नहीं हटे तो ईरान परमाणु ठिकानों पर लगे आइएईए के कैमरों को हटा देगा।

ईरान ने आइएईए के साथ निगरानी के समझौते के नवीनीकरण से भी फिलहाल इन्कार कर दिया है। 2015 में हुए परमाणु समझौते के बाद आइएईए ने ईरान के परमाणु ठिकानों में निगरानी के लिए कैमरे फिट कर दिए थे जिससे अगर परमाणु हथियार विकसित करने के लिए कोई कार्य होता है तो उसका पता लग जाए। 2015 का परमाणु समझौता ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए हुआ था। 


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