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शांति समझौते पर ईरान बोला, अफगानिस्तान हो या सीरिया सभी जगह समस्या की जड़ अमेरिका

ईरान ने तालिबान के साथ शांति समझौते पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा है कि अफगानिस्तान हो या सीरिया सभी जगहों पर समस्या की जड़ अमेरिका है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 03:09 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 03:25 PM (IST)
शांति समझौते पर ईरान बोला, अफगानिस्तान हो या सीरिया सभी जगह समस्या की जड़ अमेरिका
शांति समझौते पर ईरान बोला, अफगानिस्तान हो या सीरिया सभी जगह समस्या की जड़ अमेरिका

तेहरान, एएनआइ। ईरान ने आतंकी संगठन तालिबान के साथ शनिवार को शांति समझौता करने वाले अमेरिका पर तीखा हमला बोला है। ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ (Iran FM Javad Zarif) ने समझौते पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि अफगानिस्तान हो या सीरिया समस्या की जड़ अमेरिका है। ईरानी विदेश मंत्री ने रविवार को ट्विटर पर लिखा कि अमेरिका को अफगानिस्तान में धावा नहीं बोलना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा किया और नतीजों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराया। अपमान के 19 साल बाद अब अमेरिका ने सरेंडर कर दिया है।

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उन्‍होंने कहा कि अफगानिस्तान, सीरिया, इराक या यमन चाहे कहीं भी हो अमेरिका एक समस्या है। वे भारी गड़बड़ी के बाद हर जगह से चले जाएंगे। अमेरिका और ईरान के बीच पिछले करीब दो साल से तनातनी का दौर चल रहा है। दोनों के संबंध मई, 2018 में उस समय बेहद खराब हो गए थे, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने का एलान कर दिया था। साथ ही ईरान पर कई सख्त प्रतिबंध थोप दिए थे। पिछले करीब एक वर्ष के दौरान दोनों देशों में कई बार सैन्य टकराव की नौबत आ चुकी है।

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते को लेकर तमाम प्रतिक्रियाएं आ रही है लेकिन पेंटागन ने इसके पीछे की वजहों का खुलासा किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर (Defense Secretary Mark Esper) ने कहा है कि समझौते का मकसद चीन से भविष्य में होने वाले संभावित युद्ध के लिए तैयारी करना है। असल में एस्पर चाहते हैं कि अफगानिस्तान, इराक और अन्य स्थानों पर ध्यान कम दिया जाए। वह कम महत्व वाले क्षेत्रों में अमेरिकी सेनाओं की प्रतिबद्धताएं कम करना चाहते हैं ताकि अमेरिकी सैन्य इकाइयों को वापस अमेरिका बुलाकर परंपरागत युद्ध के लिए और प्रशिक्षित किया जाए।


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