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ईरान ने 2008 बम धमाका मामले में विरोधी नेता को पकड़ा, अन्य ब्लास्ट की साजिश रचने का आरोप

टेलीविजन पर एक वीडियो दिखाया गया जिसमें एक व्यक्ति खुद को शरमहद बता रहा है और अपनी जन्मतिथि बता रहा है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 07:48 AM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 07:48 AM (IST)
ईरान ने 2008 बम धमाका मामले में विरोधी नेता को पकड़ा, अन्य ब्लास्ट की साजिश रचने का आरोप
ईरान ने 2008 बम धमाका मामले में विरोधी नेता को पकड़ा, अन्य ब्लास्ट की साजिश रचने का आरोप

तेहरान, रायटर। ईरान ने शनिवार को कहा कि उसके खुफिया अधिकारियों ने अमेरिका में रहने वाले राजशाही समर्थक समूह के एक नेता जमशिद शरमहद को हिरासत में ले लिया है। उन पर 2008 के बम धमाके में शामिल होने और अन्य धमाकों की साजिश रचने का आरोप है। खुफिया मंत्रालय के बयान का हवाला देते हुए सरकारी टेलीविजन ने हालांकि यह नहीं बताया कि उनको कैसे, कहां और कब हिरासत में लिया गया। इसने कहा कि जमशिद शरमहद जो अमेरिका से ईरान में सैन्य और आतंकी गतिविधियों का संचालन कर रहे थे, उनको एक जटिल कार्रवाई के बाद पकड़ लिया गया है।

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टेलीविजन पर एक वीडियो दिखाया गया, जिसमें एक व्यक्ति खुद को शरमहद बता रहा है और अपनी जन्मतिथि बता रहा है। बाद में वह व्यक्ति कहता है कि उन्हें विस्फोटकों की जरूरत थी और हमने वह मुहैया कराई। ब्रिटेन में ईरान के राजदूत हामिद बेदिनेजाद ने ट्वीट कर कहा कि शरमहद अब ईरान के कब्जे में हैं।

'अमेरिका से बात नहीं करना चाहता ईरान'

ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश अमेरिका के साथ कोई बातचीत नहीं करता चाहता है। क्योंकि वाशिंगटन वार्ता का इस्तेमाल सिर्फ प्रचार के लिए करता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ईरान के साथ बिना शर्त बातचीत करने का इच्छुक है, लेकिन वह निरंतर इस मुल्क पर दबाव बनाए हुए है।खामनेई ने बकरीद के मौके पर टेलीविजन संबोधन में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तर कोरिया की तरह ईरान के साथ वार्ता का भी इस्तेमाल करना चाहते हैं। खामनेई ने इस मौके पर यूरोपीय संघ को जमकर कोसा।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी पाबंदियों के चलते ईरान की खराब हालत के लिए यूरोपीय देश भी जिम्मेदार है। परमाणु करार को बचाने के लिए यूरोपीय देशों ने कुछ भी नहीं किया। ईरान ने 2015 में अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी के साथ परमाणु करार किया था। ट्रंप ने मई 2018 में इस समझौते से अमेरिका के हटने का एलान करने के साथ ईरान पर कई प्रतिबंध भी थोप दिए थे। तभी से दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है।


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