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यूरेनियम संव‌र्द्धन की क्षमता बढ़ा रहा ईरान, संव‌र्धित पदार्थ से बन सकेगा परमाणु बम

ईरान ने प्रमुख शक्तियों के साथ अपने समझौते के उल्लंघन में एक भूमिगत संयंत्र में सैकड़ों से अधिक उन्नत यूरेनियम-समृद्ध सेंट्रीफ्यूज स्थापित करने की योजना बनाई है। इसका खुलासा एक यू.एन. परमाणु प्रहरी रिपोर्ट में सामने आई है। यह कदम अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति बाइडन पर दबाव बढ़ाएगा।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 07:30 AM (IST)
यूरेनियम संव‌र्द्धन की क्षमता बढ़ा रहा ईरान, संव‌र्धित पदार्थ से बन सकेगा परमाणु बम
ईरान अपने देश में यूरेनियम संवर्धन बढ़ा रहा। (फोटो: दैनिक जागरण)

विएना, रायटर। दुनिया के ताकतवर देशों के साथ हुए परमाणु समझौते को तोड़ते हुए ईरान ने अपने भूमिगत प्लांट में यूरेनियम संव‌र्द्धन के लिए सैकड़ों आधुनिक सेंट्रीफ्यूज लगाने का फैसला किया है। यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र की परमाणु गतिविधियों की निगरानी वाली संस्था ने दी है। इस रिपोर्ट से अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन पर दबाव बढ़ गया है जो ईरान के साथ फिर से परमाणु समझौते में शामिल होने की घोषणा कर चुके हैं। 

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अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) की रिपोर्ट के अनुसार ईरान अपने भूमिगत नातांज प्लांट में यूरेनियम संव‌र्द्धन के लिए ज्यादा उन्नत आइआर-2 एम सेंट्रीफ्यूज स्थापित करने की योजना बना रहा है। जबकि 2015 में हुए परमाणु समझौते में कम स्तर तक यूरेनियम संव‌र्द्धन के लिए आइआर-1 एम सेंट्रीफ्यूज लगाने की ही अनुमति दी गई है। इस तरह के यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने में किया जाता है। जबकि उन्नत सेंट्रीफ्यूज से ज्यादा संव‌िर्द्धत होने वाले यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु बम बनाने में किया जा सकेगा। रिपोर्ट के अनुसार ईरान ने हाल ही में 174 उन्नत सेंट्रीफ्यूज वाले बॉक्स को अपने नातांज प्लांट में भेजा है। निकट भविष्य में उन्नत सेंट्रीफ्यूज की संख्या बढ़ाने की उसकी योजना है।

 दो दिसंबर को आइएईए को लिखे पत्र में ईरान ने यूरेनियम संव‌र्द्धन की नई योजना की जानकारी भी दे दी है। इस प्रकार से ईरान 2015 में हुए समझौते से पीछे हट रहा है। ईरान ने यह कदम 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु समझौते से पीछे हटने के बाद उठाया। ट्रंप को चुनाव में हराकर आगामी 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाले बाइडन ने परमाणु समझौते में फिर से शामिल होने की इच्छा जताई है। लेकिन इसके लिए ईरान को पूर्व निर्धारित शर्तो को मानने का संकल्पअ जताना होगा। इस तरह अमेरिका और ईरान के बीच संबंधों में लगातार तनाव चल रहा है।


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