ईरान के संसदीय चुनाव में रूढ़िवादियों को बढ़त की उम्मीद, सर्वोच्च नेता खामनेई ने डाला पहला वोट
ईरान में शुक्रवार को संसदीय चुनाव के लिए वोट डाले गए। इन चुनावों में रूढि़वादियों को बढ़त मिलने की संभावना जताई गई है।
तेहरान, एएफपी। ईरान में शुक्रवार को संसदीय चुनाव के लिए वोट डाले गए। इसमें रूढि़वादियों को बढ़त मिलने की संभावना जताई गई है। देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई ने पहला वोट डाला। खामनेई ने बाद में जनता से जल्द से जल्द मतदान में भाग लेने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि ऐसा करके वह देश के राष्ट्रीय हित सुनिश्चित करेंगे।
सरकार विरोधी स्वर तेज
साल 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद देश में यह 11वां संसदीय चुनाव है। यह चुनाव ऐसे वक्त पर हो रहा है जब अमेरिका और ईरान के बीच भीषण तनाव है। यूक्रेन के विमान को गलती से मार गिराए जाने के कारण देश में सरकार विरोधी स्वर तेज हैं।
महंगाई से जूझ रहा ईरान
जानकारों के मुताबिक इस चुनाव में राष्ट्रपति हसन रूहानी के मुकाबले रूढ़िवादियों को मतदाताओं का ज्यादा समर्थन मिलेगा। रूहानी 2017 में नागरिकों को अधिक आजादी और पश्चिमी देशों से बेहतर संबंधों के वादे के साथ सत्ता में वापस आए थे। वर्ष 2018 में परमाणु करार से अमेरिका के अलग होने के बाद ईरान आर्थिक मंदी और महंगाई से जूझ रहा है।
बेकार की कसरत है चुनाव
एक बेरोजगार व्यक्ति आमिर मोहतशम ने कहा, 'ईरान की सबसे बड़ी समस्या अस्थिरता है। चुनाव बेकार की कसरत है। वर्तमान संसद के करीब 90 सदस्यों के खिलाफ आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच जारी है।'
संसद की 290 सीटों के लिए चुनाव
संसद की 290 सीटों के लिए 16 हजार से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं। ईरान में करीब 5.8 करोड़ मतदाता हैं। इससे पहले चुनाव निगरानी संस्था गार्डियन काउंसिल ने हजारों प्रत्याशियों को अयोग्य करार देते हुए उनकी उम्मीदवारी निरस्त कर दी थी। इनमें से ज्यादातर उदारवादी थे।