Move to Jagran APP

खूनी संघर्ष खत्म करना चाहता है चीन, अफगान सम्मेलन के लिए तालिबान को भेजा न्योता

अफगान सम्मेलन में सभी प्रतिभागी निजी तौर पर शामिल होंगे और अफगान समस्या का हल निकालने के लिए अपनी राय रखेंगे। सम्मेलन में अफगान अधिकारियों के शामिल होने की अभी पुष्टि नहीं हुई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 09:08 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 09:12 PM (IST)
खूनी संघर्ष खत्म करना चाहता है चीन, अफगान सम्मेलन के लिए तालिबान को भेजा न्योता
खूनी संघर्ष खत्म करना चाहता है चीन, अफगान सम्मेलन के लिए तालिबान को भेजा न्योता

काबुल, एएफपी। अफगानिस्तान में 18 साल से जारी संघर्ष को खत्म कराने के प्रयास में चीन भी जुट गया है। इस कवायद में वह अफगान सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। इसके लिए उसने तालिबान के प्रतिनिधियों को भी न्योता भेजा है। यह सम्मेलन बीजिंग में 29-30 अक्टूबर को होगा।

loksabha election banner

तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, 'चीनी राजनयिकों ने संगठन के दोहा स्थित सियासी दफ्तर में मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने बीजिंग में होने वाले सम्मेलन और अफगान समस्या के समाधान से जुड़े मसलों पर चर्चा की। इस सम्मेलन में सभी प्रतिभागी निजी तौर पर शामिल होंगे और अफगान समस्या का हल निकालने के लिए अपनी राय रखेंगे।' इस सम्मेलन में अफगान अधिकारियों के शामिल होने की अभी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के प्रवक्ता मुहम्मद यूसुफ साहा ने कहा कि वह सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं।

शांति प्रक्रिया में मदद करना चाहता है चीन

चीन ने हालांकि कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के प्रतिनिधियों से हुई मुलाकात की खबर की पुष्टि नहीं की है। लेकिन विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हमारा देश सभी पक्षों की इच्छाओं का सम्मान करते हुए अफगान शांति प्रक्रिया में मदद करने का इच्छुक है।'

ट्रंप ने रद की थी शांति वार्ता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गत सितंबर में तालिबान के साथ शांति वार्ता रद कर दी थी। दोनों पक्ष तब समझौते के करीब थे। ट्रंप ने यह कदम अफगानिस्तान में तालिबान के हमले में एक अमेरिकी सैनिक के मारे जाने के बाद उठाया था। अमेरिका और तालिबान के बीच पिछले साल दिसंबर से दोहा में शांति वार्ता चल रही थी।

यह भी पढ़ें: जमीन पर नहीं पड़ेगा अमेरिकी संसद की सुनवाई का असर, छाया रहा था कश्मीर का मुद्दा

यह भी पढ़ें: POK में हालात खराब, सुरक्षाबलों ने किया पत्रकारों पर हमला, देखें विरोध-प्रदर्शन का ये Video


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.