इराक में अमेरिकी दूतावास और एयरबेस पर राकेट से हमला, आसमान में दिखे अमेरिकी हेलीकॉप्टर
इराक में शनिवार देर रात दो जगहों पर हमला किया गया। राजधानी बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास के ग्रीन जोन में दो राकेट से हमला किया गया।
बगदाद,एजेंसियां। खाड़ी में तनाव और बढ़ता दिख रहा है। शनिवार रात इराक की राजधानी बगदाद के बेहद सुरक्षित इलाके ग्रीन जोन और अमेरिकी एयरबेस पर रॉकेट हमले हुए। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हमला किसने किया है। हालांकि माना जा रहा है कि शुक्रवार को बगदाद में अपने टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत के बाद ईरान ने पलटवार करते हुए इन हमलों को अंजाम दिया है। हमलों में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
चार रॉकेट दागे गए
सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ग्रीन जोन में दो मोर्टार और अमेरिकी एयरबेस पर दो रॉकेट दागे गए। ग्रीन जोन बगदाद का बेहद सुरक्षित इलाका है, जहां अमेरिकी दूतावास स्थित है। इराकी सेना का कहना है कि एक मोर्टार ग्रीन जोन एंक्लेव के परिसर में और दूसरा इसके नजदीक फटा। विस्फोट के तुरंत बाद वहां चारों ओर सायरन की आवाजें गूंजने लगी थीं। इराकी सेना ने बताया कि मोर्टार हमले के बाद बगदाद के उत्तर में स्थित बलाद एयरबेस को दो रॉकेट से निशाना बनाया गया। यहां अमेरिकी सेनाएं रहती हैं।
हमले के बाद ड्रोन ने उड़ान भरी
सूत्रों का कहना है कि हमले के तुरंत बाद एयरबेस के चारों ओर निगरानी ड्रोन उड़ान भरने लगे थे। बगदाद में अमेरिकी दूतावास और इराक में तैनात करीब 5,200 अमेरिकी सैनिकों को हाल के दिनों में कई बार हमलों का सामना करना पड़ा है। अमेरिका इन हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराता है। पिछले हफ्ते उत्तरी इराक में हुए ऐसे ही एक हमले में अमेरिकी कॉन्ट्रेक्टर की मौत हो गई थी। इसके बाद अमेरिका की कार्रवाई में 25 लड़ाके मारे गए थे, जो ईरान के नजदीकी माने जाते हैं। ईरान और अमेरिका के बीच तनाव उस वक्त बहुत बढ़ गया, जब शुक्रवार को अमेरिका ने बगदाद में ईरान के टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी को ड्रोन हमले में मार गिराया था। सुलेमानी को वहां हवाईअड्डे से बाहर निकलते समय निशाना बना गया था।
गौरतलब है कि शुक्रवार को अमेरिका ने इराक में इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बाहर निकलते समय सुलेमानी को ड्रोन हमले में मार गिराया था। इस हमले में ईरान के हशद अल-शाबी अर्द्धसैनिक बल के उप प्रमुख और कुछ अन्य ईरान समर्थित स्थानीय मिलिशिया भी मारे गए थे। 62 वर्षीय जनरल सुलेमानी को ईरान के शीर्ष धार्मिक नेता अयातुल्लाह खामेनेयी के बाद ईरान का सबसे ताकतवर शख्सियत माना जाता था। उनके मारे जाने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। कुछ विशेषज्ञों ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका जताई है।
Two rockets hit Iraq base where US troops deployed, security sources say: AFP News Agency https://t.co/1dwvBM9e1y" rel="nofollow
— ANI (@ANI) January 4, 2020
इराक में फिर हवाई हमला
इराक में शनिवार को फिर ईरान समर्थक मिलिशिया हश्द अल-शाबी के काफिले पर हमला किया गया। इसमें छह लोगों के मारे जाने की खबर है। इससे ईरान और अमेरिका के बीच छद्म युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ गई है। हश्द ने हमले को लेकर कुछ नहीं कहा है लेकिन इराकी टीवी चैलन ने इसे अमेरिका की तरफ से हवाई हमला बताया है।
अमेरिकी जहां मिलेंगे वहीं मारेंगे : ईरान
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के पश्चिमी करमान प्रांत के कमांडर जनरल गोलामली अबुहमजा ने कहा कि अमेरिकी जहां कहीं भी मिलेंगे उन्हें मारा जाएगा। कमांडर ने कहा कि अमेरिका ने जनरल कासिम सुलेमानी को मार कर ईरान को जवाब देने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा, 'होरमुज जलडमरूमध्य से अमेरिकी युद्धपोतों की आवाजाही होती है, इस क्षेत्र में अमेरिका के और भी कई अड्डे हैं, जिन पर ईरान की वर्षो से नजर है, इसके साथ ही तेल अवीव भी हमारी पहुंच में है।'
नाटो ने इराक में प्रशिक्षण मिशन स्थगित किया
अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद नाटो ने इराक में अपने प्रशिक्षण मिशनों को फिलहाल स्थगित कर दिया है। गठबंधन सेना के प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। इराक स्थित नाटो के मिशन में हजारों कर्मी हैं। यह मिशन बगदाद के अनुरोध पर इराकी सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण दे रहा है ताकि वहां जिहादी संगठन इस्लामिक स्टेट की वापसी को रोका जा सके। नाटो प्रवक्ता डायलन व्हाइट ने कहा, 'नाटो का मिशन जारी है, लेकिन प्रशिक्षण गतिविधियां फिलहाल स्थगित कर दी गई हैं।'
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