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तबाही के बाद बेरुत में गुस्से का मंजर, लापरवाही पर सरकार ने कहा; जांच से तय होगी जवाबदेही

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भीषण धमाके के मद्देनजर लेबनान के प्रति समर्थन जाहिर करने के लिए बेरुत पहुंच गए हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 08:11 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 02:02 AM (IST)
तबाही के बाद बेरुत में गुस्से का मंजर, लापरवाही पर सरकार ने कहा; जांच से तय होगी जवाबदेही
तबाही के बाद बेरुत में गुस्से का मंजर, लापरवाही पर सरकार ने कहा; जांच से तय होगी जवाबदेही

बेरुत, न्यूयॉर्क टाइम्स। लेबनान की राजधानी बेरुत में तबाही के बाद अब गुस्से का मंजर है। लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि लापरवाही और कुप्रबंध के चलते इतना भीषण धमाका हुआ, जिससे ना सिर्फ शहर बल्कि पूरा मुल्क दहल गया। इसमें 135 लोगों की जान चली गई और करीब पांच हजार घायल हो गए। हालांकि सरकार ने वादा किया है कि वह जांच कराकर उन लोगों की जवाबदेही तय करेगी, जो इस भीषण धमाके लिए जिम्मेदार पाए जाएंगे।

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अधिकारियों के अनुसार, बेरुत के बंदरगाह पर वर्ष 2013 में एक शिपमेंट से 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट आया था, जिसे एक गोदाम में रखा गया था। इसका इस्तेमाल फर्टिलाइजर और बम बनाने में किया जाता है। लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट को बिना किसी सुरक्षा इंतजाम को इस तरह छोड़ दिया था कि जैसे यह कोई सामान्य चीज हो। इस लापरवाही का खामियाजा मंगलवार को भीषण धमाके के रूप में सामने आया। आतिशबाजी से गोदाम में आग लगने से धमाका होने का अंदेशा है। प्रधानमंत्री हसन दिएब ने कहा, 'यह लापरवाही की हद है कि गोदाम में बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के अमोनियम नाइट्रेट का इतना बड़ा जखीरा रखा था। यह अक्षम्य है। इस पर हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते।' इस घटना से बेरुत के लोगों में भी काफी गुस्सा है। नदा चेमली नामक एक कारोबारी ने गुस्से में कहा, 'धमाके में मेरी दुकान और घर तबाह हो गया है। सरकार से भी मदद मिलने की उम्मीद नहीं है। इतनी गंभीर लापरवाही का खामियाजा भुगतने पर हमारी कौन मदद करेगा?' 42 साल के रोजर मैटर ने बताया कि धमाका इतना तीव्र था कि उसके अपार्टमेंट की खिड़कियां और दरवाजों के शीशे तक चकनाचूर हो गए। सब लोग अब भी सहमे हुए हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

करीब आधे शहर को पहुंचा नुकसान

समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, बेरुत के गवर्नर मारवन अबोद ने बताया कि धमाके से करीब आधे शहर को नुकसान पहुंचा है। इस भीषण विस्फोट के चलते शहर को 15 अरब डॉलर (करीब एक लाख दस हजार करोड़ रुपये) तक की क्षति पहुंचने का अनुमान है। तीन लाख लोग बेघर हो गए हैं। बेरुत में धमाका इतना तीव्र हुआ था कि उसकी गूंज 160 किलोमीटर दूर साइप्रस तक सुनाई दी थी।

नजरबंद किए गए पोर्ट अधिकारी

एपी के मुताबिक, धमाके की जांच शुरू हो गई है। जांच में खासतौर पर लापरवाही को केंद्र में रखा गया है। सरकार ने बेरुत पोर्ट के कई अधिकारियों को नजरबंद करने का आदेश दिया है। यह आशंका जताई जा रही है कि गोदाम की सुरक्षा में लापरवाही के नतीजन यह भीषण घटना हुई।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति पहुंचे बेरुत

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भीषण धमाके के मद्देनजर लेबनान के प्रति समर्थन जाहिर करने के लिए बेरुत पहुंच गए हैं। इस विकट स्थिति में राहत और बचाव के लिए कई अन्य देशों ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। हालांकि आर्थिक संकट से जूझ रहे लेबनान को शहर के पुनर्निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय मदद की जरूरत पड़ेगी।


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