अमेरिका का दूसरी एयर स्ट्राइक से इनकार, ईरान ने यूएन को लिखा पत्र, ब्रिटेन भी हुआ सतर्क
Second air strike of US targets Hashed commander in Iraq अमेरिका ने इराक में अपनी दूसरी एयर स्ट्राइक में फिर एक हशद कमांडर को मार गिराया है।
बगदाद, रॉयटर/एएफपी। US targets Hashed commander in Iraq अमेरिका ने बगदाद के ताजी इलाके में दूसरी एयर स्ट्राइक की घटना से इनकार किया है। शनिवार को सुबह ऐसी खबरें आई थीं कि अमेरिका ने ईरान के दूसरे सबसे ताकतवर नेता एवं शीर्ष कुद्स कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराने के एक दिन बाद बगदाद में फिर एयर स्ट्राइक की जिसमें एक हश्द कमांडर समेत छह लोग मारे गए हैं। हमले में तीन अन्य लोगों के जख्मी होने की भी रिपोर्टें थीं। दूसरी एयर स्ट्राइक में मारे गए लोग भी ईरान समर्थक मिलिशिया हश्द अल-शाबी के बताए गए थे। हालांकि स्थानीय समयानुसार रात करीब 1:12 बजे हुए इस हमले में किस कमांडर की मौत हुई है इसका खुलासा नहीं किया गया था। मालूम हो कि मिलिशिया हश्द अल-शाबी ईरान समर्थक पापुलर मोबलाइजेशन फोर्सेस का दूसरा नाम है।
समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक, अमेरिका की अगुवाई वाले गठबंधन बल के प्रवक्त ने ट्वीट कर कहा कि उत्तरी बगदाद के ताजी इलाके में हालिया दिनों में कोई एयरस्ट्राइक नहीं की गई है। गौर करने वाली बात यह है कि शनिवार को इराक के पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज के अधीन काम करने वाले अर्धसैनिक समूहों के हवाले से रिपोर्टों में कहा गया था कि ताजी इलाके में कैंपों के पास हुए हवाई हमलों में मिलिशिया हश्द अल-शाबी के एक कमांडर समेत छह लोगों मारे गए। इराकी टेलीविजन ने इसे अमेरिकी हमला बताया था।
ब्रिटेन ने नागरिकों से ईरान और इराक नहीं जाने के दिए निर्देश
दूसरी एयर स्ट्राइक की खबरों के बीच ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। ब्रिटेन ने अपने नागरिकों से इराक और ईरान की यात्रा पर जाने से बचने के लिए कहा है। समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक, इराक में इराकी मिलिशिया नेता अबू महदी अल-मुहांडिस और ईरान समर्थित कुर्द बल के प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद निकाले जा रहे जुलूस के लिए हजारों लोग शामिल हुए। अंतिम संस्कार के लिए निकाले गए जुलूस में भाग लेने वाले लोगों ने 'अमेरिका की मौत हो' के नारे भी लगाए।
ईरान ने यूएन को लिखा पत्र, कहा- हमें है आत्मरक्षा का अधिकार
समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक, ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासिचव एंटोनियो गुटेरेस से कहा है कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उसे आत्मरक्षा का अधिकार है। संयुक्त राष्ट्र में ईरानी राजदूत माजिद जख्त रावांची ने विश्व संस्था को लिखे अपने पत्र में कहा है कि सुलेमानी की हत्या स्टेट टेरेरिज्म का प्रत्यक्ष उदाहरण है। यह एक आपराधिक कृत्य और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन है। यही नहीं यह कृत्य संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का भी उल्लंघन है। मालूम हो कि अमेरिकी एयर स्ट्राइक के बाद पैदा हुए हालात पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव भी चिंता जता चुके हैं।
ईरान को बड़ा झटका
अमेरिका ने शुक्रवार को बगदाद के एयरपोर्ट पर ड्रोन से हमला करके ईरान के शीर्ष कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को मौत के घाट उतार दिया। हमले में सुलेमानी के सलाहकार एवं इराकी मिलिशिया कताइब हिजबुल्ला के कमांडर अबू महदी अल-मुहंदिस की भी मौत हो गई। मालूम हो कि अमेरिका ने सुलेमानी को आतंकी घोषित कर रखा था। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्डस की कुद्स फोर्स के प्रमुख सुलेमानी ने पश्चिम एशिया में ईरान का सैन्य प्रभाव बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई थी।
अमेरिका ने भेजे साढ़े तीन हजार अतिरिक्त सैनिक
शीर्ष कमांडर की मौत से बौखलाए ईरान ने बदला लेने और अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब देने का एलान किया है। वहीं सुलेमानी की मौत से पैदा हुए तनाव को देखते हुए अमेरिका ने पश्चिम एशिया में और साढ़े तीन हजार अतिरिक्त सैनिकों को भेजने का फैसला किया है। हालांकि, पेंटागन से अभी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है। ये सैनिक 82वीं एयरबोर्न डिवीजन के उन 700 सैनिकों के अतिरिक्त होंगे जिन्हें इस हफ्ते की शुरुआत में कुवैत में तैनात किया गया था। इनकी तैनाती बगदाग में अमेरिकी दूतावास पर हमले के बाद की गई है।
ट्रंप बोले, नहीं चाहता कि युद्ध हो
इस बीच फ्लोरिडा में छुट्टियां बिता रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कासिम सुलेमानी की हत्या ईरान के साथ विवाद बढ़ाने के लिए नहीं की गई है। हमने यह कार्रवाई एक युद्ध को खत्म करने के लिए की है ना कि एक युद्ध शुरू करने के लिए... हालांकि ट्रंप ने यह भी कहा है कि यदि इस्लामिक देश ने कोई जवाबी कार्रवाई की तो अमेरिका इससे निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने ईरान को यह हिदायत दी कि वह अपने पड़ोसियों को अस्थिर करने से बाज आए।
मंडराया युद्ध का खतरा
जानकारों की मानें तो अमेरिकी रवैये के कारण समूचे खाड़ी क्षेत्र में समीकरण बदल सकते हैं। खासतौर पर सऊदी अरब पर हमले का खतरा बढ़ गया है। यही नहीं फलस्तीनी क्षेत्र से भी इजरायल पर हमले बढ़ सकते हैं। इन्हीं खतरों को देखते हुए इजरायली राष्ट्रपति नेतन्याहू ने अपनी यूनान की यात्रा बीच में ही छोड़ दी है। इन बदले हालातों में ईरान पर बदला लेने का भारी दबाव है। ऐसे में यदि ईरान कोई भी कार्रवाई करता है तो अमेरिका भी उसे जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा। नतीजतन रूस के मैदान में आने की नौबत आ सकती है।