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Afghanistan Peace Talk: वार्ता आगे बढ़ाने के लिए सुरक्षा बलों की रिहाई पर फैसला जरूरी - अशरफ गनी

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया तब तक आगे नहीं बढ़ पाएगी जब तक कि उसके कैद में मौजूद सुरक्षा बलों के जवानों की रिहाई पर फैसला नहीं होता।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 02:22 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 02:22 PM (IST)
Afghanistan Peace Talk: वार्ता आगे बढ़ाने के लिए सुरक्षा बलों की रिहाई पर फैसला जरूरी - अशरफ गनी
Afghanistan Peace Talk: वार्ता आगे बढ़ाने के लिए सुरक्षा बलों की रिहाई पर फैसला जरूरी - अशरफ गनी

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया तब तक आगे नहीं बढ़ पाएगी जब तक कि उसके कैद में मौजूद सुरक्षा बलों के जवानों की रिहाई पर कोई फैसला नहीं हो जाता। वार्ता शुरू करने के लिए कैदियों की रिहाई तालिबान की पूर्व शर्त में से एक है। तालिबान के साथ अमेरिकी शांति समझौते के अनुसार, अफगान सरकार के कैद में 5,000 तालिबानी कैदियों और तालिबान द्वारा पकड़े गए 1000 सुरक्षा बलों को शांति वार्ता शुरू करने से पहले रिहा करना होगा। 

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समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद फरवरी से अब तक सरकार द्वारा लगभग 4,200 तालिबान कैदियों को रिहा किया गया है। तालिबान ने अब तक 850 सुरक्षा बलों को रिहा कर दिया है। गनी ने गुरुवार को गजनी प्रांत के दौरे पर एक भाषण के दौरान कहा, 'तालिबान के कैदियों को रिहा करने की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, क्योंकि मैं चाहता हूं कि अफगान सुरक्षा और रक्षा बलों के हर कैदी का भाग्य स्पष्ट हो। शांति प्रक्रिया तब तक नहीं चलेगी, जब तक हमारे योद्धाओं का भाग्य स्पष्ट नहीं होता।' 

महिलाएं अपनी अधिकारों को लेकर चिंतित- नसीमी

अपने भाषण के एक अन्य हिस्से में, राष्ट्रपति गनी ने कहा कि अफगानिस्तान के लोग कभी भी प्रजातंत्र पर तालिबान को वर्चस्व नहीं देंगे और तालिबान को पता होना चाहिए कि लोग ही इसे लेकर अंतिम निर्णय लेंगे। अफगानिस्तान के कंजर्वेटिव फ्रेंड्स की चेयरपर्सन शबनम नसीमी ने कहा कि महिलाएं अपनी अधिकारों को लेकर चिंतित हैं, उन्हें डर है कि शांति वार्ता में इसका बलिदान हो जाएगा।

शांति वार्ता कब शुरू होगी यह स्पष्ट नहीं

समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार तालिबान के करीबी सूत्रों ने कहा कि यदि कैदियों को रिहा करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई, तो देश में हिंसा बढ़ेगी। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि शांति वार्ता कब शुरू होगी। संयुक्त राष्ट्र ने पहले कहा चुका है कि वार्ता जुलाई में दोहा में शुरू होगी।


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