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अफगान सुरक्षा बलों ने हवाई हमले में 18 तालिबान लड़ाके मार गिराए

अफगान सुरक्षा बलों द्वारा की गई कार्रवाई में 18 तालिबान लड़ाके मारे गए हैं। स्थानीय सरकार ने शनिवार को बताया कि सेना ने पूर्वी नांगरहार प्रांत के शेरजाद जिले में हवाई हमले किए थे। इन हमलों में तालिबान की तथाकथित रेड यूनिट के 14 लड़ाके भी मारे गए हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 06:57 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 06:57 PM (IST)
अफगान सुरक्षा बलों ने हवाई हमले में 18 तालिबान लड़ाके मार गिराए
काबुल के बाग-ए-काजी इलाके में हुए विस्फोट में छह हिंदू घायल।

काबुल, एजेंसियां। अफगान सुरक्षा बलों द्वारा की गई कार्रवाई में 18 तालिबान लड़ाके मारे गए हैं। स्थानीय सरकार ने शनिवार को बताया कि सेना ने पूर्वी नांगरहार प्रांत के शेरजाद जिले में हवाई हमले किए थे। इन हमलों में तालिबान की तथाकथित रेड यूनिट के 14 लड़ाके भी मारे गए हैं। यूनिट के डिवीजन कमांडर खालिद को भी सुरक्षा बलों ने मौत के घाट उतार दिया है। हवाई हमले में रेड यूनिट के दस लड़ाके घायल भी हुए हैं।

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अफगान सुरक्षा बलों की तालिबान आतंकियों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई

हाल के दिनों में अफगान सुरक्षा बल तालिबान आतंकियों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई करने में जुटे हैं। आतंकी समूह ने अब तक इन हमलों का कोई जवाब नहीं दिया है।

काबुल के बाग-ए-काजी इलाके में हुए विस्फोट में छह हिंदू घायल

काबुल में शनिवार सुबह एक दुकान में हुए विस्फोट में छह लोग घायल हो गए। घायलों में अफगानिस्तान में रहने वाले छह हिंदू भी शामिल हैं। विस्फोट बाग-ए-काजी इलाके में हुआ।

जाने तालिबान आंदोलन क्या है

तालिबान आंदोलन, जिसे तालिबान या तालेबान के नाम से भी जाना जाता है, एक सुन्नी इस्लामिक आधारवादी आन्दोलन है जिसकी शुरूआत 1994 में दक्षिणी अफगानिस्तान में हुई थी। तालिबान पश्तो भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है ज्ञानार्थी (छात्र)। ऐसे छात्र, जो इस्लामिक कट्टरपंथ की विचारधारा पर यकीन करते हैं। तालिबान इस्लामिक कट्टरपंथी राजनीतिक आंदोलन हैं। इसकी सदस्यता पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलती है।

1996 से लेकर 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबानी शासन

1996 से लेकर 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के दौरान मुल्ला उमर देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता थे। उसने खुद को हेड ऑफ सुप्रीम काउंसिल घोषित कर रखा था। तालेबान आन्दोलन को सिर्फ पाकिस्तान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने ही मान्यता दे रखी थी। अफगानिस्तान को पाषाणयुग में पहुँचाने के लिए तालिबान को जिम्मेदार माना जाता है।


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