अफगानिस्तान ने तालिबान से शांति वार्ता के लिए टीम घोषित की
राजनयिक और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने उम्मीद जताई थी कि तालिबान के साथ 17 वर्षो से जारी लड़ाई शीघ्र खत्म हो सकती है।
जेनेवा, एएफपी/रायटर। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार को तालिबान के साथ संभावित शांति वार्ता के लिए 12 सदस्यीय टीम की घोषणा कर दी। संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में अफगानिस्तान और विद्रोहियों के बीच सीधी वार्ता के लिए अपनी बात दोहराई थी। पिछले हफ्ते अफगानिस्तान सरकार, पश्चिमी राजनयिक और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने उम्मीद जताई थी कि तालिबान के साथ 17 वर्षो से जारी लड़ाई शीघ्र खत्म हो सकती है।
जेनेवा में अफगानिस्तान पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में गनी ने कहा, 'मेरी सरकार ने शांति वार्ता के लिए 12 सदस्यीय टीम गठित की है। इसका नेतृत्व मेरे चीफ आफ स्टाफ (अब्दुल सलाम) रहीमी करेंगे।' उन्होंने कहा कि देश भर में नागरिकों से महीनों के गहन परामर्श के बाद टीम व कार्ययोजना बनाई गई है। अगले साल अप्रैल में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए शांति वार्ता की सफलता काफी अहम है। जनता चुनी हुई ऐसी सरकार चाहती है जो शांति समझौते को सही रूप से लागू कराए।
समझौते के चार सिद्धांत
गनी ने चार सिद्धांत प्रतिपादित करते हुए कहा कि समझौते के लिए इन्हें बेहद महत्वपूर्ण समझा जाए। इनमें अफगानिस्तान के संविधान का सम्मान तथा घरेलू मामलों में विदेशी आतंकवादियों के हस्तक्षेप को खारिज करने जैसी बातें शामिल हैं। सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुतेरस का संदेश पढ़ा गया, 'हमें अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच सीधी वार्ता का दुर्लभ अवसर मिल सकता है। इसे गंवाना नहीं चाहिए।' यूरोपीय संघ के विदेश मामलों की प्रमुख फेडरिका मोगेरिनी ने भी शांति वार्ता के लिए इसे सही समय माना।
पांच चरणों में वार्ता
अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला ने बताया कि पांच चरणों में होने वाली शांति वार्ता की शुरुआत अंतर अफगानिस्तान संवाद से होगी। इसके बाद पाकिस्तान और अमेरिका से चर्चा होगी।