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अफगान शांति प्रयासों पर गनी और पोंपियो में हुई बात, बंदियों की रिहाई समेत कई अहम मुद्दों पर रहा जोर

बता दें कि अफगानिस्तान में करीब दो दशक से जारी खूनी संघर्ष को खत्म करने के प्रयास में अमेरिका और तालिबान ने गत फरवरी में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 06:59 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 07:11 PM (IST)
अफगान शांति प्रयासों पर गनी और पोंपियो में हुई बात, बंदियों की रिहाई समेत कई अहम मुद्दों पर रहा जोर
अफगान शांति प्रयासों पर गनी और पोंपियो में हुई बात, बंदियों की रिहाई समेत कई अहम मुद्दों पर रहा जोर

काबुल, एजेंसियां। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो के बीच सोमवार को वीडियो कांफ्रेस के जरिये बातचीत हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने अफगान शांति प्रयासों पर चर्चा की।

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राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता सादिक सिद्दिकी ने बताया कि गनी और पोंपियो ने बंदियों की रिहाई, वार्ता स्थल और दूसरे उपायों समेत शांति के अगले कदमों पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं में शांति प्रयासों को आगे बढ़ाने पर मिलकर काम करने पर सहमति बनी है। बता दें कि अफगानिस्तान में करीब दो दशक से जारी खूनी संघर्ष को खत्म करने के प्रयास में अमेरिका और तालिबान ने गत फरवरी में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इस समझौते में पांच हजार तालिबान बंदियों की रिहाई के साथ ही अंतर अफगान शांति वार्ता शुरू करने का प्रावधान किया गया है। हालांकि कैदियों की रिहाई के मसले पर उभरे मतभेदों के चलते अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता शुरू नहीं हो पाई।

शांति वार्ता शुरू होने की उम्मीद: खलीलजाद

अमेरिका के विशेष दूत जालमे खलीलजाद ने अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता शुरू होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा, 'मैं इस वार्ता को लेकर आशांवित हूं। हम वार्ता शुरू करने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।' तालिबान और अमेरिका के बीच दोहा में हुए शांति समझौते में खलीलजाद की अहम भूमिका रही।

भारत चीनी सीमा विवाद पर भी बोले माइक पोंपियो

वही, दूसरी ओर भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने सोमवार को कहा कि सत्तावादी शासन इस प्रकार की कार्रवाई करते हैं। लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में एलएसी के साथ कई क्षेत्रों में हाल ही में भारतीय और चीनी दोनों सेनाओं के बीच काफी तनाव देखा गया। , जो दो सप्ताह बाद भी दोनों पक्षों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। 


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