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2017 की रैलियों को प्रोत्साहित करने वाले ईरानी पत्रकार को मौत की सजा

न्यायपालिका के प्रवक्ता घोलमहोस्सीन इस्माइली (Gholamhossein Esmaili) ने मंगलवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि रूहुल्ला जम को मौत की सजा दी गई है।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 02:24 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 02:24 PM (IST)
2017 की रैलियों को प्रोत्साहित करने वाले ईरानी पत्रकार को मौत की सजा
2017 की रैलियों को प्रोत्साहित करने वाले ईरानी पत्रकार को मौत की सजा

तेहरान, एपी। ईरान में 2017 में सरकार के खिलाफ एक रैली को प्रोत्साहित करने वाले पत्रकार को मौत की सजा सुनाई गई है। न्यायपालिका के प्रवक्ता, घोलमहोस्सीन इस्माइली (Gholamhossein Esmaili) ने मंगलवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि रूहुल्ला जम (Ruhollah Zam) को मौत की सजा दी गई है।

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बता दें कि जम ने ऑनलाइन तरीके से लोगों को ईरान सरकार के खिलाफ रैलियां करने के लिए प्रोत्साहित किया था। जानकारी के मुताबिक जैम अमदन्यूज नाम से एक वेबसाइट चला रहा था जिस पर उसने ईरान सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कई वीडियोज और जानकारियों पोस्ट की थीं। वह ईरान लौटने से पहले पेरिस में रहकर काम कर रहा था और 2019 में उसको वहीं गिरफ्तार किया गया था।

फिलीपींस की पत्रकार को मानहानि के मामले में छह साल की जेल

फिलीपींस के राष्ट्रपति रॉड्रिगो दुर्तेते की आलोचक रहीं प्रसिद्ध पत्रकार को कुछ दिन पहले मानहानि के एक मामले में दोषी पाए जाने के बाद 6 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इस फैसले को इस एशियाई लोकतांत्रिक देश में पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर बड़े आघात के रूप में देखा गया था।  फैसला सुनाए जाने के बाद रेसा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि यह फैसला उनके लिए बेहद बुरा है, क्योंकि इसमें रैप्लर (वेबसाइट) को गलत ठहराया गया।

पत्रकार मारिया रेसा, उनकी ऑनलाइन वेबसाइट रैप्लर इंक और पूर्व संवाददाता रेनाल्डो सांतोन जूनियर को एक धनी कारोबारी को बदनाम करने के आरोप में दोषी ठहराया गया था। बता दें कि 29 मई, 2012 में  रैप्लर वेबसाइट पर एक खबर प्रकाशित की गई थी, जिसमें खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कारोबारी का संबंध हत्या, मादक पदार्थ की तस्करी और मानव तस्करी से जोड़ा गया था। खबर में खुफिया रिपोर्ट की निशानदेही नहीं की गई थी। वहीं रैप्लर के वकील का कहना था कि एक खुफिया रिपोर्ट के आधार पर वह खबर प्रकाशित हुई थी और फिलीपींस दंड कानून कहता है कि एक साल तक की अविध में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। वकील का कहना था कि 2017 में जब केंग ने मामला दर्ज करवाया उस वक्त तक यह अवधि समाप्त हो चुकी थी। इस खबर के ऑनलाइन प्रकाशित होने के पांच साल बाद मुकदमा दर्ज कराया गया था।


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