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7.0 तीव्रता के तेज भूकंप के झटकों से दहला जापान, दहशत में लोग, 60 किलोमीटर नीचे था केंद्र

Powerful earthquake in Japan जापान में बृहस्‍पतिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। फ‍िलहाल जान और माल के किसी नुकसान की खबर नहीं है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 06:31 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 06:56 PM (IST)
7.0 तीव्रता के तेज भूकंप के झटकों से दहला जापान, दहशत में लोग, 60 किलोमीटर नीचे था केंद्र
7.0 तीव्रता के तेज भूकंप के झटकों से दहला जापान, दहशत में लोग, 60 किलोमीटर नीचे था केंद्र

टोकियो, एपी। जापान में बृहस्‍पतिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। जापान में मौसम का पूर्वानुमान जारी करने वाली एजेंसी के मुताबिक, रिक्‍टर स्‍केल पर भूकंप की तीव्रता 7.0 दर्ज की गई। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप का केंद्र जापान के उत्तरी मुख्य द्वीप होक्काइडो (Hokkaido) के उत्तरपूर्वी तट से दूर समुद्र की सतह से 60 किलोमीटर नीचे गहराई में स्थित था। भूकंप से फ‍िलहाल किसी जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। 

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समाचार चैनलों ने होक्काइडो (Hokkaido) के दक्षिण-पूर्वी तट पर कुशि‍रो में अपने कार्यालयों में अलमारियों को हिलते हुए दिखाया। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि जापान के फुकुशिमा क्षेत्र में बुधवार को भी 5.5 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। एजेंसी ने बताया था कि भूकंप का केंद्र 37.3 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 141.4 डिग्री पूर्वी देशांतर में जमीन की सतह से 80 किलोमीटर की गहराई में था। 

उल्‍लेखनीय है कि 11 मार्च 2011 को समुद्र के नीचे 9.0 तीव्रता के भूकंप के बाद आई सुनामी से जापान में बड़ी तबाही मची थी। समुद्र का पानी फुकुशिमा दाईची संयंत्र में घुसने की वजह से रिसाव होने लगा था। रिसाव के कारण आधिकारिक रूप से किसी की मौत नहीं हुई लेकिन सुनामी में करीब 18,500 लोग मारे गए थे। परमाणु हादसे के बाद अस्पताल में भर्ती 40 से ज्यादा मरीजों की मौत इलाका खाली कराने के बाद हुई थी।

इस मामले में फुकुशिमा संयंत्र का संचालन करने वाले तीन अधिकारियों पर बेहतर सुरक्षा कदम उठाने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया था जो बाद में बरी हो गए थे। साल 2015 में फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट के सेंसर्स ने इलाके में बेहद उच्च क्षमता के नए रेडिएशन का पता लगाया था। ये रेडिएशन रेडियोएक्टिव पानी के साथ समुद्र में मिल गए हैं जिससे प्लांट को हटाए जाने को लेकर फिर खतरा पैदा हो गया था।  


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