कोरोना वायरस पर काबू पाने को जापान ने बनाई एचआइवी दवाओं के क्लीनिक ट्रायल की योजना
चीन में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस पर काबू पाने की कोशिशें दुनिया भर में शुरू हो गई है। जापान ने इससे लड़ने के लिए एचआइवी दवाओं के क्लीनिक ट्रायल की योजना बनाई है।
टोकियो, रॉयटर। अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के लिए बढ़ते खतरे को देखते हुए जापान ने कोरोना के इलाज के लिए एचआइवी दवाओं के क्लीनिकल परीक्षण शुरू करने की योजना बनाई है। हालांकि दवा के उपयोग को मंजूरी देने में कितना समय लगेगा, इस विषय में कुछ नहीं बताया गया है। उधर, थाइलैंड में डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें फ्लू और एचआइवी दवाओं के संयोजन के उपयोग से वायरस के कुछ गंभीर मामलों के इलाज में सफलता मिली है।
तिमाही राजस्व में आएगी गिरावट: एपल
कोरोना के खतरे का असर कई देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ता दिखाई दे रहा है। आलम यह है कि अभी तक दो दर्जन से अधिक ट्रेड फेयर और इंडस्टि्रयल कांफ्रेंस को रद किया जा चुका है। ताजा खबर फोन निर्माता कंपनी एपल की तरफ आई है। उसने कहा है कि चीन में आइफोन उत्पादन में कमी और कमजोर मांग के चलते वह चालू तिमाही के राजस्व को प्राप्त नहीं कर सकेगी। मंगलवार को इस घोषणा के बाद विश्व के शेयर बाजारों में गिरावट दिखाई दी। कोरियाई राष्ट्रपति मून जे इन ने कहा कि अर्थव्यवस्था एक आपातकालीन स्थिति में है और मांग बाधित होने के चलते आवश्यक प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
सिंगापुर ने 32 हजार करोड़ का प्रावधान किया
सिंगापुर ने कोरोना वायरस के प्रभाव से निपटने के लिए 4.6 अरब डॉलर (32 हजार करोड़ रुपये से अधिक) का प्रावधान किया है। बता दें कि कोरोना के चलते अर्थव्यवस्था को नुकसान होने के साथ ही और मंदी की आशंका जताई गई है। सिंगापुर में अभी तक संक्रमण के 77 मामले सामने आ चुके हैं। व्यापार और पर्यटन इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा है कि अभी नुकसान का पूरा आकलन किया जाना बाकी है। उम्मीद है कि स्थितियां हमारे अनुमान से कहीं अधिक खराब हो सकती हैं।